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Halt of the checking campaign:जमशेदपुर-दोपहिया वाहन चालक संघ ने चेकिंग अभियान पर रोक लगाने की मांग की

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मशेदपुर। शहर में जारी वाहन चेकिंग अभियान को लेकर आम जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है। पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे चालान और सड़क पर अचानक वाहन रोकने जैसी घटनाओं के चलते जनता और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसे देखते हुए दोपहिया वाहन चालक संघ/उत्तम कुमार समाजसेवी (पश्चिम विधानसभा जमशेदपुर) ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर चेकिंग अभियान को बंद करने और इसे अधिक प्रभावी तथा सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वाहन चेकिंग अभियान के दौरान कई लोगों को गंभीर चोटें आ रही हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। कई बार पुलिसकर्मियों और आम जनता के बीच झड़प की घटनाएं भी सामने आई हैं। जनता का आरोप है कि पुलिसकर्मी पेड़ों के पीछे छुपकर वाहन चालकों को अचानक रोकते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसी कारण दोपहिया वाहन चालक संघ ने प्रशासन से इस अभियान को डिजिटल और सुरक्षित बनाने की मांग की है।
संघ ने ज्ञापन में कुछ सुझाव दिए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से सीसीटीवी कैमरों की मदद से चालान काटने, हेलमेट और अन्य दस्तावेजों की मौके पर ही व्यवस्था करने, चालान की राशि कम करने और अपराध रोकने के लिए चेकिंग का समय तय करने की बात कही गई है। संघ का मानना है कि यदि यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना है, तो जनता को डराने या परेशान करने के बजाय डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
संघ के संस्थापक सागर तिवारी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “हमारे बचपन में जो खेल हम खेलते थे, वही खेल अब सिपाही पेड़ के पीछे छुपकर वाहन चालकों के साथ खेल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अगर चेकिंग अभियान को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी नहीं बनाया गया, तो जनता और प्रशासन के बीच की दूरी बढ़ती जाएगी, जो समाज के लिए घातक साबित हो सकता है।
इस दौरान संघ के जिला अध्यक्ष अमित तिवारी, धर्मबीर महतो, विवेक झा, दिलीप, सूरज, विशाल ढोके, राकेश चौरसिया, प्रदीप सिंह, रामेश्वर चौधरी, राकेश पांडेय समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन दोपहिया वाहन चालक संघ की मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देता है। क्या चेकिंग अभियान को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाएगा, या फिर जनता को इसी तरह दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा?

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