Jharkhand News: झारखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 14 अगस्त तक JSSC रिजल्ट जारी करने का आदेश
JSSC रिजल्ट में देरी पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 14 अगस्त तक सभी कैटेगरी के रिजल्ट जारी करने का आदेश, झारखंड सरकार पर दबाव

Jharkhand News: झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन (JSSC) की परीक्षा देने वाले लाखों अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और 14 अगस्त 2025 तक सभी कैटेगरी और सभी विषयों के JSSC रिजल्ट जारी करने का सख्त आदेश दिया है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर इस समय सीमा में रिजल्ट जारी नहीं हुए, तो राज्य के मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, अवर सचिव और JSSC सचिव को 18 अगस्त को कोर्ट में सशरीर पेश होना होगा।
JSSC रिजल्ट में देरी पर कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने JSSC और झारखंड सरकार के रवैये पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि अगर तय समय तक रिजल्ट जारी नहीं हुए, तो अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह मामला झारखंड के प्रारंभिक विद्यालयों में 26,001 प्रशिक्षित सहायक आचार्यों की नियुक्ति से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला परिमल कुमार की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया। उनके वकील गोपाल शंकर नारायण और अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया कि JSSC ने पहले दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया है।
सिर्फ 1,661 अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी
JSSC ने अब तक सिर्फ गणित और विज्ञान विषयों के 1,661 अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया है। इसमें भी कई ऐसे उम्मीदवारों का रिजल्ट नहीं आया, जो क्वालिफाइड थे और दस्तावेज सत्यापन (DV) में सफल हुए थे। कोर्ट ने बताया कि 5,008 सीटों में से ज्यादातर अभी भी खाली हैं। इस देरी से अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी है, क्योंकि उनकी मेहनत का परिणाम समय पर नहीं मिल रहा।
अभ्यर्थियों के लिए क्या है राहत?
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश JSSC अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। कोर्ट के सख्त रुख से उम्मीद है कि झारखंड सरकार और JSSC अब तेजी से रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक JSSC वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट चेक करें। यह कदम न केवल अभ्यर्थियों को उनका हक दिलाएगा, बल्कि सरकारी नौकरी की प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाएगा।
झारखंड सरकार पर बढ़ा दबाव
सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद झारखंड सरकार पर रिजल्ट जारी करने का दबाव बढ़ गया है। अगर सरकार समय सीमा का पालन नहीं करती, तो सीनियर अधिकारियों को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है। यह खबर झारखंड के उन लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो सरकारी नौकरी के लिए सालों से मेहनत कर रहे हैं।