Jharkhand News: शिबू सोरेन का आवास बनेगा स्मारक, सरकार का ऐतिहासिक फैसला
झारखंड सरकार ने JMM संस्थापक शिबू सोरेन के रांची स्थित आवास को स्मारक में बदलने का लिया फैसला, उनके संघर्ष और झारखंड आंदोलन की यादें सहेजी जाएंगी

Jharkhand News, रांची: झारखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के रांची के मोराबादी स्थित सरकारी घर को स्मारक के रूप में बदलने की घोषणा की गई है। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस स्मारक में शिबू सोरेन के जीवन, उनके संघर्ष और झारखंड आंदोलन की यादों को सहेजा जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को जान सकें।
Jharkhand News: स्मारक बनाने का उद्देश्य
शिबू सोरेन, जिन्हें प्यार से ‘गुरुजी’ कहा जाता है, ने झारखंड को अलग राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके घर को अब एक स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां झारखंड के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े दस्तावेज, तस्वीरें और अन्य स्मृति चिन्ह प्रदर्शित होंगे। इसका लक्ष्य युवाओं को शिबू सोरेन के आदिवासी आंदोलन और सामाजिक कार्यों से प्रेरित करना है।
कैबिनेट का निर्णय और परिवार को सहायता
कैबिनेट की बैठक में यह भी तय हुआ कि शिबू सोरेन की पत्नी रोपी सोरेन को यह आवास आवंटित रहेगा। साथ ही, इस घर को स्मारक में बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त 2025 को दिल्ली में हुआ था। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन के बाद यह कदम उनकी विरासत को जीवित रखने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
Jharkhand News: स्मारक में क्या होगा खास?
यह स्मारक झारखंड के गौरवशाली इतिहास को दर्शाएगा। इसमें शिबू सोरेन के नेतृत्व में चले आदिवासी आंदोलन, साहूकारों के खिलाफ उनकी लड़ाई और झारखंड को अलग राज्य बनाने की कहानी को प्रदर्शित किया जाएगा। तस्वीरें, पत्र और अन्य सामग्री के जरिए लोग उनके जीवन की प्रेरक कहानी को जान सकेंगे। यह स्मारक पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
शिबू सोरेन का योगदान
शिबू सोरेन ने 1973 में JMM की स्थापना की और आदिवासियों के हक के लिए कई आंदोलन चलाए। उनकी मेहनत से 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर नया राज्य बनाया गया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और कई बार संसद सदस्य भी चुने गए। उनके कार्यों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस फैसले का दिल से स्वागत किया है। रांची के रहने वाले संतोष ने कहा- शिबू सोरेन ने झारखंड के लिए अपनी जिंदगी दी। उनका घर स्मारक बनना गर्व की बात है। कई लोग इसे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।
आगे की योजना
सरकार ने स्मारक को जल्द तैयार करने के लिए भवन निर्माण विभाग को काम सौंपा है। लगभग 4.5 करोड़ रुपये की लागत से इस घर को हेरिटेज स्मारक में बदला जाएगा। अगले कुछ महीनों में यह स्मारक आम लोगों के लिए खुल सकता है, जो झारखंड की शान को और बढ़ाएगा।