
Jharkhand Politics News: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान कई महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे। यह जानकारी विधानसभा सचिवालय ने दी है। यह सत्र राज्य के लिए बहुत अहम है, क्योंकि इसमें कई ऐसे कानूनों पर चर्चा होगी जो झारखंड के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
सत्र में क्या होगा खास?
इस मानसून सत्र में झारखंड सरकार कई अहम बिल लाने की तैयारी में है। इनमें से कुछ बिल शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास से जुड़े होंगे। इसके अलावा, पहली बार अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। यह बजट राज्य के विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराएगा। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि यह सत्र बहुत महत्वपूर्ण है और सभी विधायकों से सहयोग की उम्मीद है।
विपक्ष उठाएगा ये मुद्दे
विपक्षी दल, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), इस सत्र में सरकार पर कई सवाल उठाने की योजना बना रही है। भाजपा ने भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की बात कही है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, “हम जनता के हित में सवाल उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।” दूसरी ओर, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने कहा कि वे सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं और सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे।
जनता के लिए क्या है फायदा?
यह सत्र झारखंड की जनता के लिए कई मायनों में खास है। नए बिलों के जरिए सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और बुनियादी ढांचे को बेहतर करने की कोशिश करेगी। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए योजनाएं लाई जाएंगी, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो। सत्र के दौरान होने वाली चर्चाएं और नए कानून आम लोगों के लिए रोजगार और सुविधाओं के नए अवसर खोल सकते हैं।
विधानसभा सत्र की तैयारी पूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी विधायकों को सत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “यह सत्र राज्य के विकास के लिए एक बड़ा कदम होगा।” विधानसभा सचिवालय ने भी सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा, जिसमें सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं का जिक्र होगा।
Jharkhand Politics News: सत्र का महत्व
यह मानसून सत्र झारखंड विधानसभा के लिए आखिरी सत्र हो सकता है, क्योंकि इसके बाद विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इसलिए, सरकार और विपक्ष दोनों इस सत्र में अपनी-अपनी बात जोर-शोर से रखना चाहेंगे। जनता की नजर भी इस सत्र पर रहेगी, क्योंकि इससे उनके भविष्य से जुड़े कई फैसले सामने आएंगे।
यह सत्र न केवल कानून बनाने के लिए बल्कि राज्य की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। सभी की उम्मीद है कि यह सत्र झारखंड के विकास में नया अध्याय जोड़ेगा।
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