रांची: केंद्र और उसके सार्वजनिक उपक्रमों पर झारखंड का कोई बकाया नहीं होने संबंधी केंद्र सरकार के जवाब के बाद गरमा-गरम राजनीति के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मंगलवार को धमकी दी कि अगर बकाये का भुगतान नहीं किया गया तो राज्य में सभी खनन गतिविधियां रोक दी जाएंगी।
झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कोयला कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे १५ दिन के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें अन्यथा झारखंड में किसी भी कोयला खदान को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भट्टाचार्य ने कहा कि जब पप्पू यादव ने लोकसभा में बकाये का सवाल उठाया था तो कहा गया था कि झारखंड का कोई भी पैसा केंद्र के पास लंबित नहीं है। उन्होंने वित्त राज्य मंत्री पर कोयले से संबंधित भुगतानों का उल्लेख नहीं करके जानबूझकर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 1,36,000 करोड़ रुपये की कुल राशि में से 1,01,142 करोड़ रुपये भूमि मुआवजे के रूप में, 32,000 करोड़ रुपये कॉमन कॉज के तहत और 2,500 करोड़ रुपये कोयला रॉयल्टी के रूप में बकाया हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि जब तक झारखंड के बकाये का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक एक भी कोयला ट्रक को राज्य छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानूनी रूप से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।