Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की राजनीति में सांप्रदायिक तनाव ने नया मोड़ ले लिया है। टीएमसी से निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की शैली में एक मस्जिद की आधारशिला रखी। यह घटना 6 दिसंबर को हुई, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस की 32वीं बरसी पर टीएमसी द्वारा मनाए जाने वाले संहति दिवस के दिन थी। कबीर का यह कदम अल्पसंख्यक बहुल जिलों में वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। टीएमसी ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया, लेकिन भाजपा ने सीधा निशाना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर साधा। इससे राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ गया। छोटे शहरों और गांवों के लोग जो सद्भाव चाहते हैं, वे इस घटना से चिंतित हैं। ममता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एकता का संदेश दिया।
ममता बनर्जी ने बंगाल की एकता पर दिया जोर
ममता बनर्जी ने संहति दिवस पर एक्स पर पोस्ट कर कहा कि बंगाल एकता की धरती है। “मैं संहति दिवस/संप्रीति दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई देती हूं। बंगाल टैगोर, नजरुल, रामकृष्ण और विवेकानंद की धरती है। यह मिट्टी कभी भी विभाजनकारी ताकतों के सामने नहीं झुकी है और न कभी झुकेगी।” आगे उन्होंने जोड़ा, “राज्य में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर रहे हैं। हम अपनी खुशियां साझा करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि धर्म व्यक्तिगत है, लेकिन त्योहार सभी के लिए हैं। सांप्रदायिक नफरत की आग भड़काने और देश को नष्ट करने वालों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। आइए, हम सब शांति और सद्भाव बनाए रखें।”
हुमायूं कबीर की कार्रवाई और राजनीतिक संदर्भ
हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसी नई मस्जिद बनाने का ऐलान किया, जो टीएमसी को नापसंद आया। पार्टी ने इसे सांप्रदायिक नफरत भड़काने वाला बताया और कबीर को निष्कासित कर दिया। भाजपा ने ममता पर हमला बोला, जबकि टीएमसी के एक नेता ने नाम न छापकर कहा कि ममता का आह्वान बंगाल की सदियों पुरानी सह-अस्तित्व की परंपरा को बचाने का है। यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़ी है, जहां दोनों दल धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा ने कोलकाता में पांच लाख लोगों का गीता पाठ कार्यक्रम रखा, जिसमें बाबा रामदेव, धीरेंद्र शास्त्री और साध्वी ऋतंभरा शामिल होंगे।
भाजपा का कार्यक्रम और बंगाल की राजनीति पर असर
भाजपा का ‘पंच लक्ष कंठे गीतापाठ’ कार्यक्रम ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होगा। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस मुख्य अतिथि होंगे। भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य और विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी संभावित है। यह कार्यक्रम हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने का प्रयास है। टीएमसी पर सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है। कबीर की कार्रवाई से पार्टी की अल्पसंख्यक वोट बैंक पर असर पड़ा। बंगाल में यह घटना ध्रुवीकरण को तेज कर रही है, जहां टीएमसी एकता की बात कर रही है और भाजपा धार्मिक मुद्दों पर फोकस कर रही है। इससे चुनावी माहौल तनावपूर्ण हो गया है।



