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दिमाग की थकान क्यों बढ़ रही है? जानिए ‘ब्रेन फैटीग’ से बचने के आसान उपाय

सुबह नींद से उठते ही अगर थकान महसूस होती है, तो ये सिर्फ शरीर नहीं, आपके ‘ब्रेन’ की थकान है। हर नोटिफिकेशन, हर मीटिंग, हर चिंता – दिमाग के प्रोसेसर को ओवरलोड कर रही है। आज की भागदौड़ में हम शरीर को आराम देते हैं, पर दिमाग को नहीं। यही वजह है कि “ब्रेन बर्नआउट- अब नई सदी की महामारी बन चुका है।

 वाराणसी: आज की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी में हमारा दिमाग लगातार सूचना, तनाव और स्क्रीन से घिरा रहता है। इसी वजह से “ब्रेन फैटीग” यानी दिमाग की थकान एक आम समस्या बन गई है। जब मानसिक ऊर्जा खत्म होने लगती है तो ध्यान, याददाश्त और भावनात्मक संतुलन पर असर पड़ता है। शरीर की तरह दिमाग को भी रेस्ट और रीसेट की ज़रूरत होती है — थोड़ी देर का डिजिटल ब्रेक, पर्याप्त नींद और मन को शांत रखने की कोशिश ही इसका असली इलाज है।

क्या है ‘ब्रेन फैटीग’?

लक्षण प्रभाव
लगातार थकान फोकस कम होना, निर्णय लेने में दिक्कत
स्मृति में कमी छोटी-छोटी बातें भूल जाना
इमोशनल थकावट बिना वजह चिड़चिड़ापन, उदासी

डॉ. सचिन चतुर्वेदी (न्यूरो-साइकोलॉजिस्ट) बताते हैं —

“ब्रेन को भी उसी तरह आराम चाहिए जैसे शरीर को। लगातार तनाव, स्क्रीन टाइम और नींद की कमी मिलकर न्यूरल सिस्टम को थका देती है। इसका असर धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य और इमोशनल स्थिरता पर पड़ता है।”

कैसे करें ब्रेन को ‘रिस्टार्ट’

  • दिन में 15 मिनट डिजिटल डिटॉक्स ब्रेक लें।

  • हर 2 घंटे में कुछ मिनट ध्यान या गहरी सांस लें।

  • दिन में पर्याप्त पानी और नींद – यही असली ब्रेन रिफ्रेश बटन है।

  • “ना” कहना सीखें — ओवरलोड दिमाग की सबसे बड़ी दवा है।

निष्कर्ष

हम मशीन नहीं हैं, पर खुद को उसी तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।अगर दिमाग को ‘ऑफ’ करने का वक्त नहीं देंगे, तो एक दिन ये खुद ही ‘शटडाउन’ हो जाएगा।
थोड़ा रुकिए, गहरी सांस लीजिए — दिमाग भी आपका साथ देने लगेगा।

PRAGATI DIXIT
Author: PRAGATI DIXIT

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