Jharkhand News: धनबाद खदान हादसा, अवैध कोयला खनन से 8 मजदूरों की मौत, 10 लापता, बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
धनबाद में सिंथेटिक कोयला खनन के दौरान भूस्खलन, बाबूलाल मरांडी का सरकार पर हमला- 'अवैध खनन से हो रही मौत'
Jharkhand News: धनबाद में अवैध कोयला खनन का एक दर्दनाक हादसा झारखंड को झकझोर गया है। यहां 8 मजदूरों की जान चली गई, जबकि 10 अन्य अभी लापता हैं। यह घटना धनबाद जिले के एक अवैध खदान में हुई, जहां मजदूर सिंथेटिक कोयला निकालने के काम में लगे थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता विधानसभा में बाबूलाल मरांडी ने इसे हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में चल रही अवैध खनन गतिविधियों का नतीजा बताया। उन्होंने परिवारों को चुप कराने के लिए पैसे देने की कोशिशों का भी जिक्र किया।
हादसे का पूरा विवरण: सिंथेटिक कोयला खनन के दौरान भूस्खलन
यह दुखद हादसा धनबाद के एक अवैध खदान में हुआ। मजदूर सिंथेटिक कोयला निकालने का काम कर रहे थे, जब अचानक भूस्खलन हो गया। धंसाव के कारण 8 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। लापता 10 मजदूरों की तलाश जारी है। मरने वालों में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के निवासी शामिल हैं। मरांडी ने ट्वीट करते हुए कहा, “सरकार के संरक्षण में चल रहे अवैध कोयला खनन ने एक बार फिर आठ निर्दोष मजदूरों की जान ले ली। 8-10 मजदूर अभी भी लापता हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और अधिकारी लाशें छिपाने और परिवारों को चुप कराने में लगे हैं।
बाबूलाल मरांडी के आरोप: ‘पाप का घड़ा भर रहा है,
मरांडी ने सरकार पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा, लाशों पर कमाई करने की होड़ में झारखंड कितना नीचे गिरेगा, कहना मुश्किल है। लेकिन जनता सब देख रही है। पाप का घड़ा भर रहा है और जब फूटेगा, तो हर किसी को हिसाब देना पड़ेगा।” मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं और आदिवासी नेतृत्व के प्रमुख चेहरे हैं। उन्होंने मांग की कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और परिवारों को उचित मुआवजा मिले।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: जांच का ऐलान, लापता मजदूरों की तलाश
प्रशासन ने हादसे की जांच का ऐलान किया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अवैध खनन पर सख्ती बढ़ाई जाएगी। लापता मजदूरों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने घायलों को अस्पताल में भर्ती किया है। लेकिन मरांडी के आरोपों पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अवैध खनन झारखंड की बड़ी समस्या है, जो मजदूरों की जान ले रही है।



