रांची: नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL),रांची ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस साझेदारी के तहत ‘कौटिल्य सोसाइटी’ बनेगी। , जो विश्वविद्यालय में कानूनी शोध और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में नए कदम उठाएगी। इस समझौते से पहले कई दौर की बैठक हुई, जिसमें कैसे इस समझौते से छात्रों को लाभ मिल सकता है। छात्र कैसे बेहतर शोध और नए अवसर के लिए काम कर सकते हैं इस पर सहमति बनी। समझौता ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक आर. पाटिल और विधि केंद्र फॉर लीगल पॉलिसी के संस्थापक और शोध निदेशक अर्घ्य सेनगुप्ता ने किया।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि यह समझौता NUSRL के छात्रों के लिए सीखने के नए अवसर प्रदान करेगा, छात्रों की शोध क्षमता मजबूत होगी। उन्हें नए अवसर मिलेंगे। कुलपति ने विधि केंद्र के काम की सराहना की और इसके जरिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साझेदारी से न केवल विश्वविद्यालय को बल्कि झारखंड राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। विधि केंद्र फॉर लीगल पॉलिसी एक स्वतंत्र संगठन है, जो कानूनी सुधारों के लिए काम करता है। यह भारत सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक संस्थानों के साथ मिलकर कानूनी और नीतिगत मुद्दों पर काम करता है। 2013 में स्थापित इस केंद्र के संस्थापक और शोध निदेशक अर्घ्य सेनगुप्ता ने बताया कि विधि कैसे कानून के छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करता है और उन्हें कानूनी शोध की दिशा में प्रेरित करता है। इस अवसर पर सहायक प्रोफेसर डॉ. उत्कर्ष वर्मा, सहायक प्रोफेसर सोनी भोला और कई छात्र भी मौजूद थे। इस साझेदारी के तहत NUSRL के छात्रों और संकाय के लिए प्रभावी शोध, नीति विश्लेषण और कानूनी वकालत के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। ‘कौटिल्य सोसाइटी’ कानूनी सोच और सार्वजनिक नीति में नवाचार का केंद्र बनेगी, जो न केवल कानूनी समुदाय, बल्कि समाज के व्यापक हित में भी योगदान करेगी।