पीएम मोदी के फैन हुए डच सेमीकंडक्टर कंपनी एएसएमएल के अधिकारी, बोले- यूरोप के नेताओं से ज्यादा सहज

डेस्क: दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब नीदरलैंड की सेमीकंडक्टर दिग्गज कंपनी एएसएमएल (ASML) के वरिष्ठ अधिकारी से भी सराहना मिली है। कंपनी के वैश्विक जनसंपर्क मामलों के कार्यकारी उपाध्यक्ष फ्रैंक हेम्सकेर्क ने पीएम मोदी की खुली प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकात करना और बातचीत करना बेहद आसान है, जबकि यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं तक पहुंच पाना इतना सहज नहीं होता।
फ्रैंक हेम्सकेर्क ने बताया कि हाल ही में एएसएमएल के सीईओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीब दो घंटे की मुलाकात की थी। इस बैठक में पीएम मोदी ने न केवल उनकी बात ध्यान से सुनी, बल्कि कंपनी से फीडबैक देने का आग्रह भी किया। एएसएमएल अधिकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने सीईओ से कहा कि आप मुझे बताएं कि हम भारत में और क्या बेहतर कर सकते हैं।
फ्रैंक हेम्सकेर्क से जब पूछा गया कि क्या सभी नेताओं से मुलाकात करना आसान होता है? तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया कि यह हमेशा आसान नहीं होता। उन्होंने कहा, “अक्सर व्हाइट हाउस में किसी वरिष्ठ अधिकारी से मिलना यूरोपीय आयोग के किसी कमिश्नर से मिलने की तुलना में ज्यादा आसान होता है।”
‘यूरोपीय नेताओं को पीएम मोदी से सीखना चाहिए’
एएसएमएल अधिकारी ने यह भी कहा कि यूरोपीय नीति-निर्माताओं को पीएम मोदी से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेताओं को उन कंपनियों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए, जो निवेश कर रही हैं और विकास में योगदान दे रही हैं।
गौरतलब है कि पीएम मोदी की तारीफ ऐसे समय पर आई है जब भारत सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार ने 2021 में 76,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी।
अगस्त 2025 में पीएम मोदी को देश में बनी पहली स्वदेशी चिप ‘विक्रम’ भेंट की गई थी। यह चिप इसरो की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला में विकसित की गई है। इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से भाषण के दौरान पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि “मेड इन इंडिया” चिप इसी साल बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
भारत सरकार की इस पहल से साफ है कि देश सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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