
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कल से देश में ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू हो रहा है। उन्होंने इसे नवरात्रि के पहले दिन लागू होने वाले बड़े सुधार से जोड़ते हुए कहा कि ये बदलाव न केवल उपभोक्ताओं बल्कि राज्यों और कारोबारियों के लिए भी फायदेमंद होंगे।
बचत का नया दौर
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी सुधारों के नए स्वरूप से रोजमर्रा की चीजें और सस्ती होंगी। खाने-पीने के सामान, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अब या तो टैक्स नहीं लगेगा या फिर केवल 5% टैक्स देना होगा। पहले 12% वाले टैक्स स्लैब की लगभग 99% वस्तुएं अब 5% में आ गई हैं। उन्होंने कहा, “त्योहारों के इस मौसम में हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी और सबका मुंह मीठा होगा।”
टैक्स सिस्टम में सरलता
प्रधानमंत्री ने 2014 का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले टैक्स और टोल की जटिलताओं के कारण कंपनियों को एक शहर से दूसरे शहर माल भेजना भी मुश्किल होता था। खर्च का बोझ आखिरकार जनता पर पड़ता था। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्यों की सहमति से ही ‘एक राष्ट्र, एक कर’ का सपना पूरा हुआ।
अब नए सुधारों के तहत केवल दो टैक्स स्लैब – 5% और 18% रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि यह कदम व्यापार को आसान बनाएगा, निवेश आकर्षित करेगा और सभी राज्यों को विकास की दौड़ में समान भागीदार बनाएगा।
आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी पर जोर
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील भी की। उन्होंने कहा, “हमें हर घर और हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। Made in India सामान खरीदना ही देश की समृद्धि को मजबूत करेगा।”
2.5 लाख करोड़ की बचत
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आयकर और जीएसटी में छूट को जोड़ दें, तो आम जनता को हर साल लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि यह सुधार “नागरिक देवो भव:” के मंत्र पर आधारित है और देश की विकास यात्रा को नई गति देगा।
अंत में प्रधानमंत्री ने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये सुधार देश की ग्रोथ स्टोरी को तेज करेंगे और आने वाले समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
ये भी पढ़ें: एशिया कप: भारत-पाकिस्तान मुकाबले से पहले तनाव, जीत-हार से बदल सकते हैं हालात