Search
Close this search box.

सोशल साईट पर पुराने नोट या सिक्का बेचने का विज्ञापन लगाकर ठगी करने वाले 5 साइबर अपराधियों को पुलिस ने दबोचा, थानाध्यक्ष होंगे पुरस्कृत

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

Sheikhpura: इन दिनों शेखपुरा जिला साइबर अपराधियों का हब बन गया है। इन्होंने लगभग तमाम इलाकों में कुकुरमुत्ते की तरह अपना पांव पसार लिया है। कई तरह के हथकंडे अपनाकर आम लोगों को झांसा देकर उनसे रूपये की ठगी करना इनका मुख्य पेशा बन गया है। पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में इनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के द्वारा अबतक सैकड़ों साइबर अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।

इसी कड़ी में देशभर में चर्चित कसार थानाध्यक्ष कुंदन कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 साइबर अपराधियों को रंगेहाथ धर दबोचा। जिनकी पहचान
नवादा जिले के पकरीबरावां निवासी प्रमोद साव के पुत्र दयानंद कुमार, कसार थानाक्षेत्र के बरसा गांव निवासी बिनोद मिस्त्री के पुत्र आकाश कुमार, स्व० रामस्वरूप पासवान के पुत्र यशपाल कुमार और सत्येन्द्र पासवान एवं धर्मेन्द्र पासवान के पुत्र सोनू कुमार के रूप में हुई है। इनके पास से पुलिस ने 20 मोबाइल, 87 हजार नकद, 8 डेविड कार्ड, आधार कार्ड, पेन ड्राईव, पॉस्टऑफिस पासबुक, 1 बाइक समेत ठगी में इस्तेमाल होने वाला कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किया है।

इस बाबत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी देते हुए पुलिस कप्तान ने बताया कि गुरुवार की रात्रि बरसा मोड़ पर थानाध्यक्ष कुंदन कुमार के द्वारा वाहन चेकिंग की जा रही थी। उसी दौरान एक अपाचे बाइक पर सवार दो व्यक्ति पुलिस को देख भागने लगा। जिसे संदेह के आधार पर खदेड़कर पकड़ा गया। पूछ-ताछ के क्रम में उन दोनों ने अपना नाम दयानन्द कुमार व आकाश कुमार बताया। तलाशी के क्रम में उनके पास से ठगी के कई दस्तावेज बरामद हुए।

जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इनकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को भी रंगेहाथ धर दबोचा। पूछताछ के क्रम में अपराधियों ने बताया कि ये लोग फेसबूक, यूट्यूब जैसे सोशल साईट पर पुराने नोट या सिक्का बेचने का विज्ञापन लगाते थे। कमेंट बॉक्स में लोगों से उनका नंबर मांग लेते थे। फिर मोबाइल से सम्पर्क स्थापित कर नोट या सिक्का बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन फीस की डिमांड करते थे। फोन पे या गूगल पे के माध्यम से पैसा अपने फर्जी खाते पर मंगवाते थे। इन्हें हर ट्रांजेक्शन पर उसका 20 या 25% कमीशन दिया जाता था।

पुलिस कप्तान ने कहा कि जप्त सामग्री एवं इकबालिया बयान के आधार पर गिरफ्तार अपराधियों को जेल भेज दिया गया है। साथ ही पुलिस इस गिरोह के मुख्य सरगना की तलाश में जुट गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले का उद्भेदन करने वाले कसार थानाध्यक्ष को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

Leave a Comment

और पढ़ें

error: Content is protected !!