
Puri Stampede: ओडिशा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ से तीन श्रद्धालुओं की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और SP विनीत अग्रवाल का तत्काल तबादला कर दिया। साथ ही, मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई। यह खबर पुरी और आसपास के गांवों व छोटे शहरों के लोगों के लिए अहम है, क्योंकि यह सुरक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारी को दर्शाती है।
भगदड़ की वजह और नुकसान
27 जून 2025 को शुरू हुई रथ यात्रा के दौरान 29 जून की सुबह 4 बजे गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मच गई। लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों के दर्शन के लिए जुटे थे। भीड़ में दो ट्रक घुसने से अफरा-तफरी मची, जिससे तीन लोग—बसंती साहू, प्रेमकांति महंती और प्रभावती दास—दम घुटने से मर गए। 50 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें 6 की हालत गंभीर है। घायलों को पुरी जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
Puri Stampede: उड़ीसा सरकार का सख्त एक्शन
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने इस हादसे पर दुख जताया और भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफी मांगी। उन्होंने डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया। नए कलेक्टर के रूप में चंचल राणा और नए SP के रूप में पिनाक मिश्रा को नियुक्त किया गया। सरकार ने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
श्रद्धालुओं में फैला डर का माहौल
यह हादसा पुरी और आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए इसलिए अहम है, क्योंकि रथ यात्रा में हर साल लाखों लोग आते हैं। इस बार भीड़ प्रबंधन में चूक की वजह से यह त्रासदी हुई। सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन का वादा किया है। लोग इस जांच के नतीजों पर नजर रख रहे हैं, ताकि भविष्य में रथ यात्रा सुरक्षित हो।