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झारखंड में पालतू कुत्ते-बिल्ली का पंजीकरण अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शहरी निकायों ने जारी की सूचना

झारखंड, पालतू कुत्ते-बिल्ली का पंजीकरण अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लागू हुआ नियम

Jharkhand Pet Registration: झारखंड के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले पालतू जानवरों के मालिकों के लिए नया नियम लागू हो गया है। अब पालतू कुत्ते और बिल्ली का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के अनुपालन में लिया गया है, जिसमें आवारा कुत्तों से होने वाले हमलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया गया। राज्य के नगर निकायों ने आम सूचना जारी कर लोगों को पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है। गढ़वा नगर परिषद ने सबसे पहले सूचना जारी की है, जबकि रांची, धनबाद और अन्य शहरों में जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी। Jharkhand pet dog cat registration mandatory का यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने और पशु आबादी पर नियंत्रण लाने के लिए जरूरी माना जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या कहता है?

Jharkhand Pet Registration
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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों और वयस्कों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। अदालत ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि संस्थागत स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए। साथ ही, मुख्य सचिवों को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। झारखंड सरकार ने इस आदेश का पालन करते हुए शहरी निकायों को पालतू जानवरों का पंजीकरण अनिवार्य करने का आदेश दिया। नगर विकास विभाग के अनुसार, पंजीकरण से पशु आबादी का सटीक आंकड़ा मिलेगा और टीकाकरण आसान होगा। रांची नगर निगम क्षेत्र में लगभग 25,000 पालतू कुत्ते हैं, लेकिन इनमें से केवल 1,000 का ही पंजीकरण हुआ है। 2017 के सर्वे में 1.25 लाख कुत्ते पाए गए थे, जबकि 2012 में 37,000 से अधिक थे। निगम ने इस वर्ष अगस्त तक 1.33 लाख आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया है, जो एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2023 के तहत चल रहा है।

पंजीकरण प्रक्रिया: कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?

पालतू जानवरों का पंजीकरण निकटतम नगर निकाय कार्यालय में करना होगा। प्रक्रिया सरल है और 15-20 मिनट में पूरी हो जाती है। आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:

  • मालिक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी या राशन कार्ड)।
  • पशु का टीकाकरण प्रमाण-पत्र (एंटी-रैबीज वैक्सीनेशन)।
  • पशु का फोटो (स्पष्ट और रंगीन)।
  • मालिक का पता प्रमाण-पत्र।

पंजीकरण शुल्क: आम नागरिकों के लिए 100 रुपये। अगर पशु व्यवसायिक या प्रजनन उद्देश्य के लिए है, तो 1000 रुपये। पंजीकरण के बाद मालिक को एक आईडी कार्ड मिलेगा, जिसमें पशु का विवरण होगा। नगर निकाय की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू होने वाली है। गढ़वा नगर परिषद ने सूचना जारी कर लोगों को 30 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने को कहा है।

जुर्माना और कार्रवाई: नियम तोड़ने पर सख्ती

झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत पंजीकरण न कराने पर पहली बार 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। दोबारा उल्लंघन पर 2000 रुपये तक बढ़ सकता है। अगर पशु हमला करता है और पंजीकरण नहीं है, तो मालिक पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो सकता है। पशुपालन विभाग ने कहा कि पंजीकृत पशुओं को मुफ्त टीकाकरण दिया जाएगा। पिछले दो वर्षों में 2,034 कुत्तों और 2,132 कुतियों को एंटी-रैबीज टीका दिया गया है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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