डेस्क:लखनऊ–वाराणसी–नोएडा: अगला प्रॉफिट स्टॉर्म बस आने ही वाला है— और अधिकांश लोग अभी भी सो रहे हैं।अमित यादव, 32 साल, गोमती नगर, लखनऊ। आज सुबह 8:42 बजे उसने मुझे कॉल किया। बोला – ‘भाई, जिस प्लॉट का रेट 37 लाख था, ब्रोकर 52 बोल रहा है… 7 महीने में!’
और ये अकेली कहानी नहीं है।
अभी का सच:
मैंने पिछले 15 दिनों में लखनऊ के 6 ब्रोकर, वाराणसी के 4, और नोएडा के 3 डेवलपर से बात की है।
हर एक की एक ही लाइन:
“अगले 18–24 महीनों में प्राइस ऊपर ही ऊपर जाएंगे — रुकने का नाम नहीं।”
मेरे एक दोस्त रोहित (नोएडा सेक्टर 76) ने 2023 में जो फ्लैट 88 लाख में लिया था, वो आज 1.19 Cr का ऑफर छोड़ चुका है — और ये नोएडा में नॉर्मल है। वाराणसी में कोरिडोर + अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी ने जमीन को सोना बना दिया है। लखनऊ में IT पार्क, आउटर रिंग रोड और एयरपोर्ट एक्सपेंशन रेट्स को धक्का मार रहे हैं।
7 कड़वी सच्चाइयाँ :
| नंबर | सच | जो नहीं मानेगा, वो… |
|---|---|---|
| 1 | नोएडा में रेट हर 3-5 महीने में अपडेट हो रहे हैं | बाद में बोलेगा “क्यों न खरीदा?” |
| 2 | vns में प्लॉट सबसे तेज़ भाग रहे हैं | 2026 में डबल रेट देगा |
| 3 | लखनऊ में 12–15 किमी बाहर की जमीन भी गर्म है | सोचते-सोचते बाजार निकल जाएगा |
| 4 | किराया रेट शांत नहीं रहे — बढ़ने वाले हैं | EMI भरने वालों को फायदा |
| 5 | रिसेल मार्केट फिर से जाग गया है | बेचने जाएगा तब खरीदार नहीं मिलेगा |
| 6 | ब्रोकर आज भी असली सच्चाई नहीं बता रहे | देर और loss |
| 7 | सरकार के नए प्रोजेक्ट लाइन में हैं | प्रोजेक्ट शुरू होते ही ग्रोथ उछलेगी |
एक सच्ची कहानी :
वाराणसी के अरविंद मिश्रा (41) ने 2021 में शिवपुर रोड पर 22 लाख का प्लॉट लिया था। तब रिश्तेदार हंसते थे — “इतनी दूर कौन घर बनाएगा?” आज वही जमीन 58–62 लाख की बोली ला रही है। अरविंद ने घर नहीं बनाया — बस सब्र बनाया। और आज पूरा मोहल्ला पूछ रहा है, “मिश्रा जी, कोई और प्लॉट दिलवाइए?”

अभी क्या करो :
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आज रात 11 बजे तक: अपनी पसंद की 3 लोकेशन शॉर्टलिस्ट करो
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कल सुबह 9 बजे तक: एक ब्रोकर को कॉल कर 2 साइट विज़िट फिक्स करो
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इस हफ्ते: बैंक से होम लोन एलिजिबिलिटी चेक कराओ
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15 दिन में: एक रियलिस्टिक बजट फाइनल
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30 दिनों में: एक प्रॉपर्टी लॉक
आखिरी बातें —
आज रात कमरे की लाइट बंद करके एक चीज़ सोच — “किराया भरते-भरते ज़िंदगी निकल जाएगी या एक ईंट अपनी भी लगेगी?
“प्रॉपर्टी कभी सस्ती नहीं होती ।”



