श्रेयस अय्यर की चोट जानलेवा साबित हो सकती थी, डॉक्टर ने बताया कितनी खतरनाक है 'स्प्लीनिक रप्चर' की ये मेडिकल कंडीशन
क्रिकेटर श्रेयस अय्यर को सिडनी में वनडे सीरीज खेलते वक्त पेट पर जोरदार चोट लगी, जिसके बाद उन्हें 'स्प्लीनिक रप्चर' (तिल्ली फटना) हो गया और इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी।
Shreyas Iyer Injury: भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में वनडे सीरीज खेलते वक्त एक गंभीर चोट लग गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत ICU में भर्ती कराना पड़ा। बताया जा रहा है कि मैच के दौरान उन्हें पेट पर एक जोरदार चोट लगी, जिसके कारण उन्हें ‘स्प्लीनिक रप्चर’ (Splenic Rupture) यानी ‘तिल्ली फटने’ की दुर्लभ लेकिन जानलेवा स्थिति का सामना करना पड़ा। इस चोट के कारण उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग भी होने लगी।
आइए डॉक्टर से जानते हैं कि यह इंजरी क्या है और यह कितनी खतरनाक हो सकती है।
Shreyas Iyer Injury: क्या है स्प्लीनिक रप्चर (तिल्ली फटना)?
स्प्लीनिक रप्चर एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। इसमें तिल्ली (Spleen) की बाहरी झिल्ली या ऊतक फट जाता है, जिसके कारण पेट के भीतर इंटरनल ब्लीडिंग (आंतरिक रक्तस्राव) शुरू हो जाती है।
तिल्ली (Spleen) क्या है?
तिल्ली हमारी बाईं पसलियों के ठीक नीचे स्थित एक छोटी, मुट्ठी के आकार की ग्रंथि होती है। इसका मुख्य काम खून को शुद्ध करना और संक्रमणों से शरीर की रक्षा करना है। यह पेट की चोटों में सबसे अधिक प्रभावित होने वाला अंग है।
यह जानलेवा क्यों हो सकती है?
फेमस गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल खुराना के अनुसार, तिल्ली में ब्लड वेसेल्स (रक्त वाहिकाएं) बहुत ज्यादा होती हैं। ऐसे में यदि यह फट जाए, तो भारी मात्रा में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। यह स्थिति कुछ ही मिनटों में मरीज को ‘हेमरेजिक शॉक’ (Haemorrhagic Shock) में डाल सकती है और इससे मौत भी हो सकती है।
डॉक्टर खुराना बताते हैं, ‘स्प्लीन फटने की स्थिति में हर मिनट कीमती होता है। यदि तुरंत सर्जरी या इंटरवेंशनल ट्रीटमेंट न किया जाए तो मरीज की जान पर खतरा बन सकता है।’
स्प्लीनिक रप्चर के मुख्य लक्षण क्या हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, पेट पर किसी भी तेज चोट के बाद यदि ये लक्षण दिखें तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
- ऊपरी बाएं पेट में तेज दर्द होना।
- दर्द का बाएं कंधे तक फैलना (रेफरल पेन)।
- चक्कर आना, बेचैनी या भ्रम जैसा महसूस होना।
- घबराहट और बेहोशी छाना।
खिलाड़ियों को क्यों है ज्यादा खतरा?
यह स्थिति अक्सर स्पोर्ट्स इंजरी, सड़क दुर्घटना या ऊंचाई से गिरने के कारण होती है। खेल चिकित्सकों का कहना है कि जिन खिलाड़ियों को हाल ही में कोई संक्रमण (जैसे मोनोन्यूक्लिओसिस) हुआ हो, जिससे उनकी तिल्ली का आकार बढ़ा हुआ हो, उन्हें खेल में वापसी से पहले मेडिकल अनुमति जरूर लेनी चाहिए।
श्रेयस अय्यर के मामले में, चिकित्सकों द्वारा तुरंत उपचार मिलने के कारण उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। यह घटना हमें सिखाती है कि पेट पर लगने वाली किसी भी चोट को मामूली समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।



