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Editorial

तिरुनेलवेली में मस्जिद ने 1100 एकड़ भूमि पर ठोका वक़्फ़ संपत्ति का दावा, हाईकोर्ट ने लगाई लताड़

डेस्क: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में मस्जिद द्वारा 1,100 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति बताकर अपने अधिकार में लेने का दावा हाईकोर्ट में खारिज हो गया। मद्रास हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मस्जिद का कानूनी वक्फ अधिकार केवल 2.34 एकड़ जमीन तक ही सीमित है, जिसे 1712 में मदुराई सामस्थानम के तत्कालीन शासक द्वारा दान किया गया था।

मस्जिद ने कोर्ट में तर्क दिया कि पूरे 1,100 एकड़ क्षेत्र का उपयोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए होना चाहिए और इस पर उनके धार्मिक अधिकार हैं।

जमीन पर अन्य पक्षों ने मस्जिद के दावे को चुनौती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट ने मामले की गहन सुनवाई के बाद ऐतिहासिक दस्तावेजों और कांस्य पत्रक को आधार मानते हुए मस्जिद के बड़े दावे को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि 1712 के कांस्य पत्रक में स्पष्ट रूप से केवल 2.34 एकड़ जमीन का ही मस्जिद के नाम उल्लेख है। बाकी भूमि अन्य पक्षों के अधिकार में है या सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित रखी गई है।

मस्जिद के लिए बड़ा झटका

अदालत ने यह भी बताया कि वक्फ संपत्ति के दावे इतिहास और कानूनी दस्तावेजों के आधार पर ही मान्य होंगे। अब मस्जिद केवल उसी जमीन का उपयोग कर सकती है, जो प्रमाणित है। यह फैसला अन्य धार्मिक संस्थाओं और वक्फ संगठनों के लिए भी संकेत है कि उनके दावे सटीक और प्रमाण आधारित होने चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला वक्फ संपत्ति और ऐतिहासिक दस्तावेजों की अहमियत को उजागर करता है। लंबे समय से किए जा रहे दावे भी कानूनी प्रक्रिया और प्रमाणों के सामने टिक नहीं पाते।

हाईकोर्ट ने कहा कि झूठे दावे और अतिशयोक्ति की कोई जगह नहीं है। धार्मिक संस्थाओं को अपने दावों में ईमानदारी और सटीकता दिखानी होगी। यह फैसला वक्फ संपत्ति विवादों में भविष्य के मामलों के लिए मार्गदर्शन साबित होगा।

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