Bihar News: तिरंगा यात्रा रोके जाने पर नेचर विलेज के संस्थापक ने दिया इस्तीफा
स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा यात्रा रोकने से नाराज संजय यादव ने नेचर विलेज से दिया इस्तीफा

Bihar News: बिहार के जमुई जिले में तिरंगा यात्रा को रोके जाने से नाराज होकर नेचर विलेज के संस्थापक संजय यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह घटना 15 अगस्त 2025 को हुई, जब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा निकालने की कोशिश की गई थी। संजय यादव का कहना है कि प्रशासन ने बिना कारण यात्रा रोक दी, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं। यह खबर जमुई में चर्चा का विषय बनी हुई है।
Bihar News: समझें क्या था पूरा मामला?
15 अगस्त को जमुई के नेचर विलेज में तिरंगा यात्रा निकालने की तैयारी थी। इस यात्रा में स्थानीय लोग, युवा और बच्चे शामिल होने वाले थे। संजय यादव, जो नेचर विलेज के संस्थापक हैं, ने इस आयोजन को देशभक्ति का प्रतीक बताया था। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने अनुमति नहीं दी और यात्रा को रोक दिया। संजय का कहना है कि प्रशासन ने कोई ठोस कारण नहीं बताया। इससे नाराज होकर उन्होंने तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
संजय यादव ने कहा- तिरंगा हमारा गर्व है। इसे सम्मान देना हर नागरिक का अधिकार है। प्रशासन का यह रवैया ठीक नहीं है।” उनके इस कदम से नेचर विलेज के लोग और स्थानीय समुदाय हैरान हैं।
जानें नेचर विलेज क्या है?
नेचर विलेज जमुई का एक अनोखा प्रयास है, जिसे संजय यादव ने शुरू किया था। यह एक ऐसी जगह है जहां पर्यावरण संरक्षण, खेती और सामुदायिक विकास पर काम होता है। संजय ने कई सालों तक इस संगठन को चलाया और इसे बिहार में एक मॉडल के रूप में स्थापित किया। उनके नेतृत्व में नेचर विलेज ने पेड़ लगाने, जैविक खेती को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार देने जैसे काम किए। लेकिन तिरंगा यात्रा विवाद के बाद उनका इस्तीफा संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
Bihar News: लोगों की प्रतिक्रिया और आगे की राह
स्थानीय लोगों ने संजय यादव के फैसले का समर्थन किया है। कई लोग मानते हैं कि तिरंगा यात्रा रोकना गलत था। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाया और प्रशासन से जवाब मांगा। वहीं, कुछ का कहना है कि इस मामले को बातचीत से सुलझाया जा सकता था। नेचर विलेज के अन्य सदस्यों ने कहा कि वे जल्द ही नए नेतृत्व की घोषणा करेंगे। लेकिन संजय यादव जैसे अनुभवी व्यक्ति का जाना संगठन के लिए चुनौती हो सकता है। स्थानीय प्रशासन ने अभी इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
यह घटना बिहार में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इसे देशभक्ति और प्रशासनिक रवैये से जोड़कर देख रहे हैं। संजय यादव ने अपने इस्तीफे में साफ कहा कि वे भविष्य में भी देश और समाज के लिए काम करते रहेंगे।