Bengal News: पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट में तेजी से जुड़ रहे नए मतदाताओं के नाम, 9 गुना तक बढ़ा आंकड़ा
तीन महीनों में सीमावर्ती जिलों में नए वोटरों की संख्या नौ गुना बढ़ी, चुनाव आयोग ने किया निगरानी का आश्वासन

Bengal News: पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारी जोरों पर है। वोटर लिस्ट में नए लोगों के नाम बहुत तेजी से जोड़े जा रहे हैं। खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में यह संख्या पिछले तीन महीनों में 9 गुना तक बढ़ गई है। यह खबर चुनाव आयोग के लिए अच्छी है, लेकिन कुछ पार्टियां चिंता जता रही हैं।
सीमावर्ती जिलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, मालदा और कूचबिहार जैसे जिलों में नए वोटरों की संख्या बहुत बढ़ी है। पहले हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 100 नए नाम जुड़ते थे, लेकिन अब यह संख्या 900 तक पहुंच गई है। लोग फॉर्म-6 भरकर अपना नाम जुड़वा रहे हैं।
बीजेपी पार्टी लंबे समय से कह रही है कि इन इलाकों में लोगों की संख्या बदल रही है। वे इसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। लेकिन चुनाव आयोग का कहना है कि यह सामान्य प्रक्रिया है और सब कुछ नियम से हो रहा है।
शहरों में मतदान बढ़ाने की नई योजना
कोलकाता जैसे बड़े शहरों में लोग कम वोट डालते हैं। इसलिए चुनाव आयोग ने नई स्कीम शुरू की है। अब ऊंची इमारतों में भी वोटिंग सेंटर बनाए जाएंगे, अगर वहां कम से कम 600 लोग रहते हों। पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल ने बताया कि यह योजना दिल्ली में आजमाई गई थी। वहां वोट डालने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई थी। अब बंगाल में भी इसे लागू किया जाएगा। इससे उम्मीद है कि ज्यादा लोग वोट डालेंगे।
क्या होगा असर?
यह बदलाव आने वाले चुनावों पर असर डाल सकता है। नए वोटर जुड़ने से वोटों की गिनती बढ़ेगी। लेकिन सबको यह सुनिश्चित करना होगा कि नाम सही लोगों के ही जुड़ें। चुनाव आयोग सख्ती से निगरानी कर रहा है। अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो जल्दी फॉर्म भरें।
पश्चिम बंगाल में लगातार बढ़ते वोटरों का कारण यह बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कोई भी बंगाल का प्रवासी अगर अपने राज्य में आता है तो उसे ₹5000 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान की जायेगी। वहीं इस ऐलान को विपक्षी पार्टियां राजनीतिक साजिश मान रही हैं।