Nimisha Priya: यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली ताजा अपडेट
8.6 करोड़ रुपये की पेशकश, प्रेमा कुमारी की यमन में कोशिशें, शरिया कानून के तहत माफी की उम्मीद

Nimisha Priya: यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को टाल दिया गया है, जो 16 जुलाई 2025 को निर्धारित थी यह खबर भारत सरकार के प्रयासों और पीड़ित परिवार के साथ बातचीत के बाद सामने आई है। निमिषा, जो केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड की रहने वाली हैं, को 2017 में एक येमेनी नागरिक की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था। उनकी सजा को 2020 में येमेन की अदालत ने मृत्युदंड में बदल दिया, जिसे 2023 में वहां की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने भी बरकरार रखा। अब, भारत सरकार और निमिषा के परिवार की कोशिशों से फांसी को टाल दिया गया है, ताकि पीड़ित परिवार के साथ समझौता हो सके।
निमिषा प्रिया का येमेन जाना और विवाद
निमिषा प्रिया 2008 में बेहतर भविष्य की तलाश में यमन गई थीं। उन्होंने वहां सरकारी अस्पताल में नर्स के रूप में काम शुरू किया। 2014 में, उन्होंने अपना क्लिनिक खोलने का फैसला किया, लेकिन यमन के कानून के अनुसार, उन्हें एक स्थानीय साझेदार की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने तलाल अब्दो महदी नाम के एक यमन नागरिक के साथ साझेदारी की। निमिषा के परिवार का दावा है कि तलाल ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और क्लिनिक का पैसा हड़प लिया। 2017 में, निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए तलाल को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन गलती से दवा की मात्रा ज्यादा हो गई, जिससे तलाल की मौत हो गई। इसके बाद, निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और हत्या का मुकदमा चलाया गया।
‘ब्लड मनी’ के जरिए जान बचाई जा सकती है
यमन के शरिया कानून के तहत, पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ (दिया) देकर माफी मांगी जा सकती है। निमिषा के परिवार और ‘Save Nimisha Priya International Action Council’ ने इसके लिए 8.6 करोड़ रुपये (1 मिलियन डॉलर) जुटाने की पेशकश की है। भारत सरकार और सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम इस मामले में पीड़ित परिवार से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक पीड़ित परिवार ने इस पेशकश को स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया है।
भारत सरकार और परिवार की उम्मीदें
निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी, पिछले एक साल से यमन में हैं और अपनी बेटी को बचाने की कोशिश कर रही हैं। भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण के कारण राजनयिक संबंध सीमित हैं। फिर भी, हाल के प्रयासों से फांसी को टाला गया है, और परिवार को उम्मीद है कि ‘ब्लड मनी’ के जरिए निमिषा की जान बच सकती है।