ब्रिटेन के F-35B स्टील्थ फाइटर जेट मिल गया हैंगर, 14 जून को हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

भारत के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीते तीन सप्ताह से खड़ा ब्रिटिश रॉयल नेवी का एडवांस्ड स्टील्थ फाइटर जेट F-35B अब आखिरकार एयरपोर्ट के हैंगर में पहुंचा दिया गया है। इस मल्टीबिलियन डॉलर के फाइटर प्लेन को 14 जून को तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।
ब्रिटेन से आई 21 इंजीनियरों की टीम
फाइटर जेट की मरम्मत के लिए ब्रिटेन से 21 विशेषज्ञों की एक टीम तिरुवनंतपुरम पहुंच चुकी है। ये सभी विशेषज्ञ एयरबस A400M एटलस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए भारत आए। इस टीम का लक्ष्य है — जेट की तकनीकी स्थिति की पूरी जांच करना और यह तय करना कि क्या उसे यहीं मरम्मत कर उड़ाया जा सकता है या फिर C-17 ग्लोबमास्टर कार्गो विमान की मदद से वापस ले जाना पड़ेगा।
मरम्मत या वापसी? दोनों विकल्प खुले
यूके हाई कमीशन के प्रवक्ता के अनुसार, “हमारी इंजीनियरिंग टीम तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर मौजूद F-35B की जांच कर रही है। यह विमान इमरजेंसी डायवर्जन के बाद यहां उतरा था।” इस बात पर भी मंथन हो रहा है कि अगर मरम्मत संभव नहीं होती, तो जेट को कई हिस्सों में अलग कर C-17 ग्लोबमास्टर से यूनाइटेड किंगडम ले जाया जाए।
हालांकि, A400M विमान से इसे ले जाना संभव नहीं है क्योंकि यह जेट C-17 जितना विशाल एयरलिफ्ट नहीं कर सकता।
भारत के सहयोग के लिए ब्रिटेन ने जताया आभार
ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से कहा गया, “हम भारतीय प्रशासन और एयरपोर्ट अधिकारियों के निरंतर सहयोग और समर्थन के लिए आभारी हैं।” जेट को SOP के तहत हैंगर में शिफ्ट किया गया है ताकि जांच और मरम्मत का काम आसानी से हो सके। साथ आए इंजीनियर सभी आवश्यक तकनीकी उपकरण भी साथ लाए हैं।
F-35B — दुनिया का सबसे महंगा फाइटर जेट
F-35B न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, बल्कि यह दुनिया के सबसे महंगे फाइटर जेट्स में शुमार है। एक यूनिट की अनुमानित कीमत $110 मिलियन से अधिक है। अगर विकास लागत जोड़ी जाए तो इसकी कुल लागत और भी ज्यादा है।
2019 में भी हुआ था ऐसा एयरलिफ्ट मिशन
गौरतलब है कि मई 2019 में भी एक F-35 को फ्लोरिडा के एग्लिन एयर फोर्स बेस से हिल एयर फोर्स बेस (यूटा) तक C-17 विमान के जरिए एयरलिफ्ट किया गया था। उस समय यह 4 साल लंबा तकनीकी प्रोजेक्ट था जिसकी लागत करीब $2 लाख थी।