Bihar News: सीएम नीतीश के दौरे से पहले 'बगहा को जिला बनाने की मांग हुई तेज, 100 किमी दूर जाना बन रहा मजबूरी
बिहार: बगहा को जिला बनाने की मांग तेज, 100 किलोमीटर दूर है जिला मुख्यालय।

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, राज्य में नए जिलों के गठन की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इस कड़ी में सबसे बड़ा नाम पश्चिम चंपारण से अलग होकर ‘बगहा’ को एक नया जिला बनाने का है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संभावित दौरे से पहले, बगहा के लोगों की उम्मीदें आसमान पर हैं। दशकों पुरानी इस मांग को लेकर स्थानीय लोग एक बार फिर आंदोलित हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार सीएम नीतीश उन्हें ‘जिला’ का तोहफा देकर ही जाएंगे।
100 किलोमीटर दूर है जिला मुख्यालय, जनता परेशान
बगहा को जिला बनाने की मांग का सबसे बड़ा और तार्किक कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है। वर्तमान में, बगहा पश्चिम चंपारण जिले का हिस्सा है, जिसका मुख्यालय बेतिया में है। बगहा के सुदूर दियारा और थरुहट इलाके के लोगों को किसी भी सरकारी काम, जैसे कि कोर्ट-कचहरी या डीएम कार्यालय के काम के लिए, 100 से 120 किलोमीटर तक का सफर तय करके बेतिया जाना पड़ता है। यह न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि आर्थिक रूप से भी बेहद महंगा है।
‘पुलिस जिला’ है, पर ‘राजस्व जिला’ नहीं
ऐसा नहीं है कि बगहा का महत्व कम नहीं है। यह पहले से ही एक ‘पुलिस जिला’ है, जिसका मतलब है कि यहां एक एसपी (पुलिस अधीक्षक) का कार्यालय है। लेकिन, यह ‘राजस्व जिला’ नहीं है, जिसका मतलब है कि यहां जिला मजिस्ट्रेट (DM) नहीं बैठते। लोगों का तर्क है कि जब सरकार ने प्रशासनिक सुविधा के लिए इसे पुलिस जिला बना ही दिया है, तो इसे पूर्ण राजस्व जिले का दर्जा देने में क्या आपत्ति है, ताकि विकास की गति तेज हो सके।
मुख्यमंत्री के दौरे से क्यों जगी हैं उम्मीदें?
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही अपनी विकास योजनाओं के निरीक्षण के सिलसिले में चंपारण का दौरा करने वाले हैं। चुनाव से ठीक पहले हो रहे इस दौरे को लेकर बगहा के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। लोगों को लगता है कि 2025 के चुनाव में जाने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो नए जिले बनाने के लिए जाने जाते रहे हैं, बगहा को जिला बनाकर एनडीए के पक्ष में एक बड़ा राजनीतिक माहौल बना सकते हैं।
Bihar News: क्या चुनाव से पहले नीतीश कुमार चलेंगे यह बड़ा दांव?
बगहा को जिला बनाना सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक कदम भी होगा। यह मांग दशकों से लंबित है और इसे पूरा करने वाला दल, जाहिर तौर पर, पूरे क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक लाभ उठा सकता है। अब देखना यह है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस दौरे पर बगहा की जनता को यह बहुप्रतीक्षित ‘तोहफा’ देते हैं, या उन्हें एक बार फिर इंतजार करना पड़ेगा।