झारखंड आंदोलन के शहीद निर्मल महतो की 75वीं जयंती पर कदमा में श्रद्धांजलि सभा

जमशेदपुर: झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता और शहीद निर्मल महतो की 75वीं जन्म जयंती 25 दिसंबर को कदमा उलियान स्थित उनके समाधि स्थल पर श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर शहीद की स्मृति में स्वर धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में उनके परिवारजन, राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और झारखंड आंदोलन के समर्थक उपस्थित हुए।
परिवारजनों ने दी श्रद्धांजलि
निर्मल महतो के परिवारजनों ने समाधि स्थल पर शहीद बेदी पर फूल माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। ईचागढ़ की विधायक सविता महतो अपनी बेटी के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित रहीं और उन्होंने भी समाधि पर माला अर्पित कर शहीद को नमन किया। उन्होंने कहा, “निर्मल महतो ने झारखंड राज्य के गठन के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका संघर्ष और बलिदान हमेशा हमें प्रेरणा देगा।”
विभिन्न दलों के नेताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया और शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, और अन्य दलों के नेताओं ने निर्मल महतो के योगदान को याद किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में उनका योगदान अमूल्य है और उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और झारखंड आंदोलनकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में झारखंड आंदोलन से जुड़े कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। उन्होंने निर्मल महतो के जीवन और संघर्ष के बारे में अपने विचार साझा किए। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि निर्मल महतो ने न केवल झारखंड राज्य के लिए आंदोलन किया बल्कि यहां के आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया।
महत्वपूर्ण घोषणाएं और अपील
श्रद्धांजलि सभा के दौरान निर्मल महतो की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गईं। उनके नाम पर झारखंड में एक बड़ा स्मारक बनाने और उनके जीवन पर आधारित एक पुस्तक प्रकाशित करने की बात कही गई।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने झारखंड के आदिवासी और मूलवासी समाज के अधिकारों की रक्षा और राज्य के विकास के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया।
निर्मल महतो का योगदान
निर्मल महतो झारखंड आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण के लिए न केवल आंदोलन को दिशा दी बल्कि जनता को भी इसके लिए जागरूक किया। उनका बलिदान झारखंड के इतिहास में एक सुनहरे अध्याय के रूप में दर्ज है।
समापन
श्रद्धांजलि सभा के अंत में सभी ने शहीद निर्मल महतो के सपनों को साकार करने और झारखंड को एक समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर उपस्थित सभी ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा और संघर्ष हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

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