
Bihar News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना उच्च न्यायालय से महत्वपूर्ण राहत प्राप्त हुई है। राष्ट्रगान के अपमान से संबंधित उनके खिलाफ दायर शिकायत और प्रस्तावित अभियुक्त नोटिस को अदालत ने रद्द कर दिया है। यह फैसला गुरुवार, 19 जून 2025 को पटना हाइकोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर झा ने सुनाया। इस खबर ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है।
क्या था राष्ट्रगान अपमान का मामला?
यह मामला पिछले साल सिपाक ताकरा विश्व कप के उद्घाटन समारोह से जुड़ा है। आरोप था कि इस आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान का अपमान किया। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान के समय उचित सम्मान नहीं दिखाया, जिसके आधार पर उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस शिकायत को बाद में निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया था, जिसके खिलाफ नीतीश कुमार ने हाइकोर्ट में अपील की थी।
पटना हाइकोर्ट का क्या है फैसला?
पटना हाइकोर्ट ने इस मामले को पूरी तरह से खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान के दौरान खड़े होकर मुस्कुराना कोई अपराध नहीं है। जस्टिस चंद्रशेखर झा ने अपने फैसले में शिकायत को “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया और इसे निरस्त करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है और यह मामला कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस फैसले के बाद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने राहत की सांस ली है।
आम लोगों पर क्या होगा असर?
यह फैसला बिहार की जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है। नीतीश कुमार बिहार के एक प्रमुख नेता हैं और उनकी छवि पर इस तरह के आरोपों का असर पड़ सकता था। हाइकोर्ट के इस फैसले से उनकी छवि को मजबूती मिलेगी और उनके समर्थकों में उत्साह बढ़ेगा। साथ ही, यह मामला यह भी दर्शाता है कि कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने के लिए कोर्ट कितनी सख्ती से काम करता है।
नीतीश कुमार के लिए राहत
इस फैसले के बाद नीतीश कुमार अब बिहार में अपने विकास कार्यों पर और ध्यान दे सकते हैं। बिहार की जनता को उम्मीद है कि उनकी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर और बेहतर काम करेगी। यह फैसला न केवल नीतीश कुमार के लिए, बल्कि बिहार की राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।