Ayodhya Mosque Update: अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के ठीक 33 साल बाद भी वहाँ प्रस्तावित नई मस्जिद का काम शुरू नहीं हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में राम मंदिर के लिए जगह दी थी और उसी फैसले में मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने का अधिकार भी दिया था। लेकिन आज तक सिर्फ कागजों में ही बात आगे बढ़ी है।
जमीन तो मिली, निर्माण कब?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाया। धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन आवंटित हुई। ट्रस्ट ने मस्जिद का नाम “मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह” रखा और साथ ही अस्पताल, म्यूजियम, लाइब्रेरी और कम्युनिटी किचन बनाने की बड़ी योजना बनाई। 2021 में नींव का पत्थर रखा गया, नक्शा पास हुआ, लेकिन उसके बाद काम रुक गया। वजह बताई जाती है – पैसा नहीं जुट पाया।
पैसा नहीं, भरोसा भी कम
ट्रस्ट का कहना है कि अब तक सिर्फ 2-3 करोड़ रुपए ही दान में आए हैं। विदेश से चंदा लेने की इजाजत नहीं है और देश में भी कई मुस्लिम संगठन इस प्रोजेक्ट से दूरी बनाए हुए हैं। कुछ लोग इसे “बाबरी की जगह” मानते हैं, इसलिए सहयोग नहीं करना चाहते। नतीजा यह है कि बड़े-बड़े डिजाइन और मॉडल तो तैयार हैं, पर जमीन पर एक ईंट तक नहीं लगी।
आज जब राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है और लाखों श्रद्धालु रोज दर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मस्जिद वाली जमीन पर अभी भी खरपतवार उग रहे हैं। 6 दिसंबर का वो दिन हर साल याद दिलाता है कि एक फैसले ने दोनों पक्षों को कुछ दिया था, लेकिन एक तरफ तो सपना पूरा हो गया, दूसरी तरफ अभी भी सिर्फ इंतजार ही चल रहा है।



