ब्रिटिश पीएम ने अमेरिकी राजदूत पीटर मैनडेल्सन को पद से हटाया, जाने क्या है कारण?

डेस्क: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने अमेरिका में तैनात ब्रिटिश राजदूत पीटर मैनडेल्सन को तत्काल प्रभाव से बर्ख़ास्त कर दिया है। यह कदम उन ईमेल्स के सार्वजनिक होने के बाद उठाया गया, जिनसे मैनडेल्सन और अमेरिकी फाइनेंसर जेफ़री एपस्टीन के गहरे रिश्तों का खुलासा हुआ।
ब्रिटिश विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया,“पीटर मैनडेल्सन की ओर से भेजे गए ईमेल्स से स्पष्ट है कि एपस्टीन के साथ उनके संबंध पहले बताए गए से कहीं अधिक गहरे थे। खासतौर पर, उनका यह सुझाव कि जेफ़री एपस्टीन की पहली सज़ा ग़लत थी और उसे चुनौती दी जानी चाहिए, नई जानकारी है। एपस्टीन के अपराधों की शिकार महिलाओं के सम्मान को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने विदेश सचिव को उन्हें पद से हटाने का निर्देश दिया।”
ईमेल लीक से मचा हंगामा
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी जनप्रतिनिधियों ने एपस्टीन से जुड़े कई दस्तावेज सार्वजनिक किए। इनमें ब्रिटिश राजदूत की ओर से भेजे गए ईमेल्स भी शामिल थे। इन ईमेल्स से पता चला कि मैनडेल्सन, एपस्टीन की सज़ा को अनुचित मानते थे और उसे पलटने का समर्थन कर रहे थे।
पीटर मैनडेल्सन की जगह वॉशिंगटन स्थित ब्रिटिश दूतावास में मिशन के डिप्टी हेड जेम्स रॉस्को को अंतरिम राजदूत नियुक्त किया गया है।
पीटर मैनडेल्सन, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक संबंधों में अहम भूमिका निभा रहे थे। वे हालिया तनावपूर्ण दौर में प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी थे।
जेफ़री एपस्टीन कौन था?
जेफ़री एपस्टीन अमेरिकी फाइनेंसर और “J Epstein & Corporation” के मालिक थे। उन पर यौन शोषण के गंभीर आरोप थे। साल 2019 में जेल में उनकी संदिग्ध मौत हो गई थी। एपस्टीन का नेटवर्क और उससे जुड़े प्रभावशाली लोगों के रिश्ते लंबे समय से विवाद का कारण बने हुए हैं।
पीटर मैनडेल्सन की बर्ख़ास्तगी से ब्रिटेन-अमेरिका संबंधों पर तत्काल असर भले न पड़े, लेकिन यह मामला लंदन की राजनीतिक और कूटनीतिक साख पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
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