करूर भगदड़: नेताओं की न्यायिक हिरासत और सियासी आरोप-प्रत्यारोप, जान पर क्यों हो रही सियासत

डेस्क: तमिलनाडु के करूर में टीवीके (तमिलगा वेत्री कझगम) की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत के बाद सियासी और कानूनी विवाद तेज हो गया है। रैली के आयोजक और पार्टी संस्थापक अभिनेता विजय ने अपने समर्थकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और घटना के खिलाफ बोलने वाले राजनीतिक दलों पर निशाना साधा।
अभिनेता विजय ने कहा कि उन्होंने अभी तक प्रभावित लोगों से मुलाकात नहीं की है, क्योंकि उनकी मौजूदगी से हालात और असामान्य हो सकते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि घटना का सच जल्द सामने आएगा और कहा कि वह कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। विजय ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दल पिछले पांच महीनों से प्रोपेगेंडा चला रहे हैं।
तमिलनाडु सरकार का आरोप: पुलिस की बात नहीं मानी गई
राज्य सरकार ने कहा कि पुलिस ने भारी भीड़ को देखते हुए विजय और आयोजकों से रैली स्थल से 50 मीटर पहले रुक जाने को कहा था, लेकिन आयोजकों ने आदेश नहीं मानी। रैली में अनुमानित 10,000 लोग आने थे, लेकिन भीड़ बढ़कर 25,000 से अधिक हो गई।
सरकार ने वीडियो जारी कर दिखाया कि टीवीके कार्यकर्ता अवरोधक हटाकर भागते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने साफ किया कि रैली के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित नहीं की गई थी।
इस मामले में कोर्ट ने टीवीके नेता मथियाझागन और एमसी पौन राज को 14 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। ये दोनों 27 सितंबर को करूर में विजय के अभियान के दौरान झंडे और फ्लेक्स बैनर की व्यवस्था में शामिल थे।
करूर भगदड़ मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और आगे की कानूनी कार्रवाई पर टिकी हैं।