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चार साल के अंतराल के बाद आज जम्मू में दरबार खुला.

चार साल के अंतराल के बाद आज जम्मू में दरबार खुला. 2021 के बाद पहली बार दरबार खुला, जब उपराज्यपाल ने इस प्रथा को रोक दिया था. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यहां नागरिक सचिवालय में गार्ड ऑफ ऑनर लिया. श्रीनगर स्थित सचिवालय बंद कर दिए गए और अब ये जम्मू में खुल गए.

वाराणसी: जम्मू-कश्मीर में सचिवालय छह-छह महीने के लिए क्रमश: श्रीनगर और जम्मू चलते हैं. इसके लिए बकायदा दस्तावेज एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में शिफ्ट किया जाता है. इसे दरबार मूव के नाम से जाना जाता है. उपराज्यपाल ने साल 2021 में भारी खर्च का कारण बताते हुए इसपर रोक लगा दी थी.

“दरबार मूव रिवाइव: फारूक का तंज – ‘विभाजनकारी ताकतें हार गईं!’ जम्मू की अर्थव्यवस्था को बूस्ट, व्यापारियों का जश्न”


 ब्रेकिंग: दरबार मूव का धमाकेदार रिवाइवल

  • कब? आज (3 नवंबर 2025) – 2021 के बाद पहली बार, 4 साल का गैप खत्म!
  • क्या हुआ? श्रीनगर सचिवालय बंद → जम्मू सिविल सचिवालय खुला। फाइलें शिफ्ट, 6 महीने (नवंबर-अप्रैल) जम्मू से चलेगी सरकार।
  • उमर का स्वागत: पैदल मार्च रेजिडेंसी रोड से शहीदी चौक-रघुनाथ बाजार-शालीमार चौक तक। गार्ड ऑफ ऑनर, फूल मालाएँ, पुलिस बैंड।
  • खास: फारूक अब्दुल्ला + कैबिनेट + मुख्य सचिव का स्वागत – “महाराजा का विरासत!”

फैक्ट: 2021 में LG मनोज सिन्हा ने ‘खर्चीला’ बताकर बंद किया – NC का चुनाव वादा पूरा!


 दरबार मूव क्या है? (ट्रेडिशनल शिफ्ट)

समय कैपिटल क्यों? असर
मई-अक्टूबर श्रीनगर (समर) ठंड से बचाव कश्मीर बूस्ट
नवंबर-अप्रैल जम्मू (विंटर) मौसम अनुकूल जम्मू इकोनॉमी ↑
  • इतिहास: 1885 से चली आ रही परंपरा – महाराजा रणजीत सिंह का समय।
  • 2021 स्टॉप: COVID + खर्च (₹10-15 करोड़/सेशन) – लेकिन जम्मू व्यापारियों को नुकसान (20% बिजनेस डाउन)।
  • रिवाइव: NC घोषणा-पत्र वादा – “एकता का प्रतीक!”

जम्मू का जश्न – व्यापारियों का स्वागत

  • पैदल मार्च: रघुनाथ बाजार में मालाएँ – “सर्दियों में कश्मीरियों का आना = बिजनेस बूम!”
  • फारूक का तंज: “विभाजनकारी ताकतें हार गईं – जम्मू-कश्मीर एक!” LG सिन्हा पर: “फाइलें रोकते थे, लेकिन सरकार नहीं!”
  • उमर का बयान: “जम्मू को झटका लगा था – अब इकोनॉमी बूस्ट + एकता मजबूत!”

 इकोनॉमिक इम्पैक्ट – जम्मू को मिलेगा क्या?

फायदा अनुमानित कैसे?
व्यापार बूस्ट 15-20% ↑ कश्मीरी सरकारी कर्मचारी + परिवार
रोजगार 5,000+ जॉब्स होटल, ट्रांसपोर्ट, रिटेल
एकता भावनात्मक बंधन श्रीनगर-जम्मू कनेक्ट
खर्च ₹10-15 Cr/सेशन लेकिन सिम्बॉलिक वैल्यू > मनी

ट्रेडर्स: “सर्दियों में बिजनेस डबल – NC को थैंक्स!”


राजनीतिक बैकग्राउंड – वादा पूरा

  • चुनाव 2024: NC ने घोषणा-पत्र में वादा – “दरबार मूव रिस्टोर!”
  • अक्टूबर 2025: CM उमर ने रिव्यू मीटिंग – ट्रांसपोर्ट + सिक्योरिटी प्लान।
  • फरवरी 2025: कन्वॉय 1-2 नवंबर – 2 दिन डाउन शिफ्ट।

निष्कर्ष: दरबार मूव = जम्मू-कश्मीर की एकता की जीत!

क्या हुआ? क्यों खास? आगे क्या?
4 साल बाद रिवाइव NC वादा पूरा – इकोनॉमी + भावना 6 महीने जम्मू फोकस
उमर का पैदल मार्च व्यापारियों का जश्न बिजनेस 20% ↑
फारूक का संदेश “विभाजन हार गया” LG vs सरकार तनाव?
कुल असर एकता मजबूत अगला श्रीनगर शिफ्ट मई 2026

सार: दरबार मूव रिवाइवल – जम्मू की अर्थव्यवस्था को बूस्ट, जम्मू-कश्मीर की एकता का प्रतीक। आज का मंत्र: “दरबार मूव = एकता मूव – जम्मू-श्रीनगर साथ!”

जम्मू में क्या बदलेगा? कमेंट्स में बताएँ!

शेयर करें – एकता की जीत! 🏛️🇮🇳

PRAGATI DIXIT
Author: PRAGATI DIXIT

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