बिजनौर जिले के नगीना क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है,
बिजनौर जिले के नगीना क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहाँ शादी के भोज में चिकन फ्राई कम परोसने को लेकर जबरदस्त हंगामा हो गया। यह घटना मझेड़ा के एक मैरिज हॉल की है, जहाँ कोटरा से आई बारात में अचानक माहौल बिगड़ गया।

डेस्क : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक अजीब घटना सामने आई है। यहां शादी के माहौल में स्वादिष्ट चिकन फ्राई ने ऐसा बवाल काटा कि निकाह की रस्में तीन बार रोकनी पड़ीं। खाने की सर्विंग पर हुए मामूली विवाद ने दोनों पक्षों के बीच हाथापाई करा दी, जिसमें लगभग 15 लोग घायल हो गए। हंगामे के कारण आखिरकार दूल्हा-दुल्हन का निकाह पुलिस की मौजूदगी में संपन्न हो सका।
आपको बता दें कि यह घटना नगीना क्षेत्र के कोटरा से आए बारातियों और दुल्हन पक्ष के बीच हुई। बिजनौर के मझेड़ा में तीबड़ी गांव स्थित फलक मैरिज हॉल में पूरा विवाद हुआ। शादी के भोज के दौरान चिकन फ्राई कम परोसे जाने की शिकायत पर बवाल हुआ था। नाराज बारातियों ने ‘तमीज से खाना सर्व करो’ कहकर हंगामा किया। इसके बाद कहासुनी तुरंत हाथापाई में बदल गई।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को किसी तरह काबू में लिया। अंततः, पुलिस की निगरानी में निकाह की रस्में पूरी की गईं। फिलहाल, पुलिस ने दोनों पक्षों से पूछताछ कर शांति बहाल करने की अपील की है।
बारातियों ने शिकायत की कि उन्हें चिकन फ्राई कम दिया जा रहा है। दुल्हन पक्ष ने यह नाराजगी दूर करने के लिए प्लेटें भरकर चिकन परोसना शुरू कर दिया। इसी बात पर कुछ बाराती भड़क गए और खाने को ‘तमीज से सर्व’ करने की बात पर अड़ गए। देखते ही देखते बात बढ़ गई और दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इस हाथापाई में करीब 15 लोग घायल हुए, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है।
दोबारा हुआ बवाल, पहुंची पुलिस
पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उन्होंने बड़ी मुश्किल से मामला शांत कराया।लेकिन थोड़ी ही देर बाद फिर से हंगामा हो गया। दरअसल, खाना खत्म होने के बाद बारातियों ने दोबारा से चिकन की मांग की, जिस पर फिर से भिड़ंत हो गई।अंत में, मुस्लिम धर्मगुरुओं और पुलिस अधिकारियों की मध्यस्थता से दूल्हा-दुल्हन का निकाह संपन्न कराया गया।
पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
📍 निष्कर्ष: शादी जैसे शुभ अवसर पर सिर्फ एक छोटी सी खाद्य कमी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, जिससे रिश्तेदार और परिवार दोनों शर्मसार हुए। यह घटना समाज के लिए एक सीख है कि अहमियत रिश्तों की होनी चाहिए, न कि थाली की मात्रा की।



