राजनीति

Race for success, who creates their own path.:जातीय जनगणना पर पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई का बड़ा बयान

  • “सफलता की दौड़ में वही आगे निकलता है जो खुद रास्ता बनाता है”
चाईबासा: “सफलता की दौड़ में वही आगे निकलता है जो भीड़ से अलग सोचता है और खुद का रास्ता बनाता है।” यह कथन इन दिनों हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरी तरह से सटीक बैठता है। उन्होंने बार-बार यह साबित किया है कि नेतृत्व केवल सत्ता संभालने का नाम नहीं, बल्कि दूरदर्शी सोच और साहसी निर्णयों का परिणाम है। झारखंड के पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने एक संवाद के दौरान उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीति और नीयत, दोनों ही साफ हैं। यही कारण है कि आज दुनिया के मंच पर भारत का नाम गर्व से लिया जाता है। देश के इतिहास में पहली बार स्वतंत्रता के बाद जातीय जनगणना का रास्ता साफ हुआ है, जो कि एक ऐतिहासिक निर्णय है। गागराई मानते हैं कि यह साहसिक पहल देश को सामाजिक न्याय के नए रास्ते पर ले जाएगी और इसके लिए प्रधानमंत्री को विशेष श्रेय दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आज बहुत से लोग यह कहने लगे हैं कि यह तो उनके कहने पर हो रहा है, यह तो पहले से हमारे एजेंडे में था। मैं उन सभी लोगों से सीधा सवाल पूछता हूं कि पिछले 70 सालों में आपने क्या किया? जब 1931 में आखिरी जातीय जनगणना हुई थी, तब से अब तक आप क्या कर रहे थे?”
गागराई ने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना केवल आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक दस्तावेज है, जो यह बताएगा कि किस क्षेत्र में किस जाति के लोग निवास करते हैं, उनकी आर्थिक स्थिति क्या है, शिक्षा के क्षेत्र में वे कहां खड़े हैं, रोजगार की क्या स्थिति है और किन योजनाओं की वास्तव में जरूरत है।
“यह न सिर्फ सरकार की नीतियों को दिशा देगा, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी को भी मजबूती देगा।” उन्होंने आगे कहा, “यह चुनावी रणनीति से लेकर सामाजिक विकास की योजना तक हर स्तर पर बदलाव लाने का कार्य करेगा।”
बड़कुंवर गागराई ने प्रधानमंत्री मोदी को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा, “उन्होंने जो वैश्विक स्तर की सोच दिखाई है और जिस प्रकार भारत को आत्मनिर्भर एवं विकासशील राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाया है, वह वाकई अतुलनीय है।”
उन्होंने कहा कि आलोचना करना लोगों की आदत होती है, लेकिन देश के विकास की राह पर चलने वाले नेता आलोचनाओं की परवाह किए बिना अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। नरेंद्र मोदी ऐसे ही नेता हैं।
“बोलने वालों का काम है बोलना, लेकिन इतिहास उन्हीं को याद करता है जो कुछ कर दिखाते हैं,” गागराई ने गर्व के साथ यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की।

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