
Pyaj Mandi Bhav: बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में प्याज की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बारिश, आपूर्ति में कमी और निर्यात मांग बढ़ने से प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। आइए जानते हैं देश के प्रमुख शहरों में प्याज की ताजा कीमतें और इसका असर।
प्याज की कीमतों में क्यों हो रही है बढ़ोतरी?
प्याज की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण भारी बारिश के कारण फसलों को हुआ नुकसान और आपूर्ति में कमी है। बिहार और उत्तर प्रदेश में खरीफ फसल को नुकसान पहुंचा है, जिससे मंडियों में प्याज की आवक कम हुई है। इसके अलावा, निर्यात प्रतिबंध हटने से विदेशी मांग बढ़ी है, जिसने कीमतों को और ऊपर धकेल दिया है। मंडी व्यापारियों के अनुसार, प्याज की थोक कीमतें 20-25 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 35-45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
बिहार और उत्तर प्रदेश के 8 शहरों में प्याज के ताजा रेट
नीचे बिहार और उत्तर प्रदेश के 8 प्रमुख शहरों में 19 जून 2025 को प्याज की औसत खुदरा कीमतें दी गई हैं:
- पटना (बिहार): 43 रुपये/किलो – मंडियों में नई फसल की कम आवक के कारण कीमतें स्थिर लेकिन ऊंची हैं।
- मुजफ्फरपुर (बिहार): 42 रुपये/किलो – स्थानीय मांग ज्यादा होने से कीमतों में हल्की बढ़ोतरी।
- पूर्णिया (बिहार): 44 रुपये/किलो – बारिश से फसल खराब होने के कारण आपूर्ति प्रभावित।
- भागलपुर (बिहार): 41 रुपये/किलो – नई फसल की आवक शुरू, लेकिन कीमतें अभी भी ऊंची।
- लखनऊ (उत्तर प्रदेश): 40 रुपये/किलो – मंडियों में मध्यम गुणवत्ता वाले प्याज की कीमतें स्थिर।
- कानपुर (उत्तर प्रदेश): 42 रुपये/किलो – स्थानीय मांग और कम आपूर्ति से दाम बढ़े।
- वाराणसी (उत्तर प्रदेश): 43 रुपये/किलो – निर्यात मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल।
- आगरा (उत्तर प्रदेश): 41 रुपये/किलो – मंडी में आवक कम, जिससे कीमतें ऊंची।
आम लोगों पर क्या असर?
प्याज की बढ़ती कीमतों ने छोटे शहरों और कस्बों में रहने वाले लोगों को परेशान कर दिया है। गृहणी शांति देवी (मुजफ्फरपुर) कहती हैं, “पहले 20 रुपये में आधा किलो प्याज मिल जाता था, अब 40 रुपये में भी मुश्किल से छोटा प्याज मिलता है।” सब्जी विक्रेता राजेश यादव (लखनऊ) ने बताया कि ग्राहक कम मात्रा में खरीद रहे हैं, जिससे उनका व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।
रेट कम कोशिश कर रही सरकार
केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। सरकारी गोदामों से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचने की योजना शुरू की गई है। हालांकि, स्थानीय मंडियों में अभी इसका ज्यादा असर नहीं दिख रहा। बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारें भी स्थानीय स्तर पर आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।
Pyaj Mandi Bhav: भविष्य में क्या होगा?
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश का असर कम हुआ और दिसंबर-जनवरी में नई रबी फसल मंडियों में पहुंची, तो कीमतों में कमी आ सकती है। तब तक लोगों को ऊंची कीमतों के साथ गुजारा करना पड़ सकता है। छोटे शहरों के लोग प्याज की जगह अन्य सब्जियों का उपयोग बढ़ा रहे हैं।
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