
Bihar Panchayat Election 2026: बिहार में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मुखिया और सरपंच जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए आरक्षण नियमों में बदलाव की घोषणा की है। यह बदलाव बिहार की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को और समावेशी बनाने के लिए किया गया है। नए नियमों के तहत अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को जनगणना के आधार पर फिर से तय किया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नेतृत्व को और अधिक समान अवसर मिलेगा।
आरक्षण में बदलाव: क्यों और कैसे?
बिहार पंचायत राज अधिनियम के अनुसार, हर पांच साल में पंचायत चुनाव से पहले आरक्षण की समीक्षा की जाती है। 2021 के पंचायत चुनाव में जिन पदों को आरक्षित किया गया था, उनमें 2026 के लिए बदलाव होगा। नए नियमों के तहत, जनगणना 2021 के आंकड़ों के आधार पर SC और ST की आबादी के हिसाब से आरक्षण तय होगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी पंचायत में SC या ST की आबादी 25% है, तो वहां 25% पद इन वर्गों के लिए आरक्षित होंगे। यह कदम सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
महिलाओं के लिए 50% आरक्षण
बिहार में पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण पहले से लागू है, और यह 2026 में भी जारी रहेगा। इसका मतलब है कि मुखिया, सरपंच, और अन्य पंचायती पदों पर आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को नेतृत्व का मौका देने में मदद करेगा।
पंचायत चुनाव की तैयारी
बिहार में 2026 के पंचायत चुनाव विधानसभा चुनाव 2025 के बाद होंगे। इसमें 8,386 ग्राम पंचायतों, 534 पंचायत समितियों, और 38 जिला परिषदों के लिए वोटिंग होगी। कुल 2.55 लाख से अधिक पदों पर उम्मीदवार चुने जाएंगे, जिनमें मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, और पंचायत समिति सदस्य शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को आरक्षण सूची को डिजिटल करने का निर्देश दिया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
Bihar Panchayat Election 2026: ग्रामीण विकास को मिलेगा बढ़ावा
नए आरक्षण नियमों से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को नई दिशा मिलेगी। मुखिया और सरपंच को मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए 10 लाख तक की योजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार है। इससे गांवों में सड़क, पानी, और बिजली जैसी सुविधाओं में सुधार होगा।