
Amarnath Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक यात्रा के दोनों रास्तों – पहलगाम और बालटाल – को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। इस कदम से कश्मीर में सुरक्षा और स्थिरता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। ड्रोन, हॉट एयर बैलून और अन्य हवाई उपकरणों पर पूरी तरह पाबंदी होगी। केवल मेडिकल इमरजेंसी, आपदा राहत और सरकारी निगरानी के लिए छूट दी जाएगी। यह खबर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) की सलाह पर यह कदम उठाया गया है। अमरनाथ यात्रा 2025 की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया। हाल के वर्षों में आतंकी गतिविधियों की आशंका को देखते हुए सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। नो-फ्लाई जोन से हवाई निगरानी बढ़ेगी और यात्रा मार्ग पर किसी भी अनधिकृत गतिविधि को रोका जा सकेगा। 580 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कंपनियां भी तैनात की जाएंगी।
स्थानीय लोगों और यात्रियों पर असर
नो-फ्लाई जोन का ऐलान कश्मीर की शांति और स्थिरता पर सवाल उठा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम क्षेत्र में तनाव को दर्शाता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए है। स्थानीय लोग चिंतित हैं कि इस तरह के कड़े कदम उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डाल सकते हैं। वहीं, श्रद्धालु इस बात से खुश हैं कि उनकी यात्रा सुरक्षित होगी।
Amarnath Yatra 2025: यात्रा की तारीखें और महत्व
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक होगी। हर साल लाखों श्रद्धालु कश्मीर में बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व रखती है। सरकार का दावा है कि नो-फ्लाई जोन लागू करने से यात्रा और अधिक सुगम और सुरक्षित होगी।
Amarnath Yatra 2025: सुरक्षा के लिए और क्या कदम?
नो-फ्लाई जोन के अतिरिक्त, सरकार ने अन्य सुरक्षा उपाय भी लागू किए हैं। निगरानी के लिए सीसीटीवी, ड्रोन और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती होगी। आपातकाल के लिए चिकित्सा सुविधाओं को भी सुदृढ़ किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को त्वरित सहायता मिल सके।