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MP News: दशहरे पर अब नहीं जलेगा 'सोनम रघुवंशी' का पुतला, मां की याचिका पर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

इंदौर में दशहरे पर 'सुरपनखा दहन' प्लान रद्द, आरोपी को दोषी मानना उल्लंघन; मां की याचिका पर तत्काल फैसला

MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक और मानवीय फैसला सुनाते हुए, विदिशा जिले में दशहरे के मौके पर सोनम रघुवंशी नामक महिला का पुतला जलाने की परंपरा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह फैसला सोनम की मां द्वारा दायर की गई एक भावुक याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें उन्होंने इस प्रथा को अपनी बेटी के मानवाधिकारों का हनन बताया था। इस फैसले ने सार्वजनिक विरोध और एक आरोपी के सम्मान के अधिकार के बीच एक नई बहस छेड़ दी है।

क्या है पूरा मामला?

विदिशा जिले के एक कस्बे में पिछले कुछ सालों से, दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के साथ-साथ एक चौथी चिता भी जलाई जाती थी, जो सोनम रघुवंशी की होती थी। सोनम एक स्थानीय महिला है जो एक गंभीर आपराधिक मामले में आरोपी है और फिलहाल विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद है। स्थानीय दशहरा समिति और कुछ लोग उसे ‘बुराई का प्रतीक’ मानकर, अपना विरोध जताने के लिए उसका पुतला दहन करते आ रहे थे।

‘मेरी बेटी दोषी नहीं, सिर्फ आरोपी है’ – मां की दलील

इस अमानवीय प्रथा से आहत होकर, सोनम की मां ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। अपनी याचिका में उन्होंने दलील दी कि उनकी बेटी अभी सिर्फ एक ‘आरोपी’ है, उसे अदालत ने ‘दोषी’ नहीं ठहराया है। उन्होंने कहा कि कानून की नजर में जब तक कोई दोषी साबित नहीं हो जाता, वह निर्दोष होता है। ऐसे में, रावण जैसे राक्षसों के साथ उनकी बेटी का पुतला जलाना एक तरह की ‘मॉब जस्टिस’ (भीड़ का न्याय) और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले ‘गरिमा के साथ जीने के अधिकार’ का खुला उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से इस प्रथा पर रोक लगाने की गुहार लगाई, जिससे उनके परिवार को हो रहे मानसिक संताप से राहत मिल सके

हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, ‘कानून से ऊपर कोई नहीं’

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे एक गंभीर मामला माना। अदालत ने टिप्पणी की कि किसी भी सभ्य समाज में कानून से ऊपर कोई नहीं हो सकता। किसी मामले में जनता का आक्रोश स्वाभाविक हो सकता लेकिन किसी को भी इस तरह से सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और उसे दोषी करार देने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि ‘निर्दोष जब तक दोषी साबित न हो जाए’ का सिद्धांत भारतीय न्याय व्यवस्था का आधार है और पुतला दहन जैसी प्रथाएं इस सिद्धांत के खिलाफ हैं।

MP News: प्रशासन को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश

इस टिप्पणी के साथ, हाईकोर्ट ने सोनम रघुवंशी का पुतला जलाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। अदालत ने विदिशा के जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस साल दशहरे पर इस तरह की कोई घटना न हो। अदालत के इस फैसले को एक नजीर के तौर पर देखा जा रहा है, जो भविष्य में किसी भी आरोपी के खिलाफ होने वाले इस तरह के सामाजिक तिरस्कार पर रोक लगा सकता है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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