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जमशेदपुर। परसुडीह में दलमा राजा राकेश हेंब्रम के आवास पर शुक्रवार को वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय ग्रामीणों की बैठक संपन्न हुई। इसमें सेंदरा पर्व की तिथि घोषित की गई और पर्व को पारंपरिक एवं शांतिपूर्ण रूप से मनाने पर जोर दिया गया।
दलमा क्षेत्र में मनाया जाने वाला पारंपरिक शिकार उत्सव सेंदरा इस वर्ष 5 मई को मनाया जाएगा। इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने की। बैठक में वन विभाग के रेंजर दिनेश चंद्र, सामाजिक कार्यकर्ता अर्पण चंद्र और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
बैठक में दलमा राजा ने यह स्पष्ट किया कि सेंदरा वीरों को पर्व के दौरान केवल पारंपरिक हथियार जैसे तीर-धनुष के प्रयोग की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जाल या फंदा जैसे गैरपारंपरिक हथियार लेकर पर्व में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करे, उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
राजा हेंब्रम ने बताया कि पर्व का उद्देश्य पारंपरिक संस्कृति का सम्मान करना है, न कि वन्यजीवों को नुकसान पहुँचाना। उन्होंने कहा कि सेंदरा वीरों को पहले ही निर्देशित किया जा चुका है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से पर्व मनाएं और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखें।
इसके अलावा, राजा हेंब्रम ने दलमा के आसनबनी में पारंपरिक पूजा के लिए टेंट लगाने का प्रस्ताव रखा, जिसे वन विभाग ने स्वीकार कर लिया है। बैठक में यह भी तय किया गया कि यदि कोई व्यक्ति पर्व में बाधा उत्पन्न करता है, तो वन विभाग द्वारा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
सभी उपस्थित लोगों ने सेंदरा पर्व को परंपरा, शांति और अनुशासन के साथ मनाने का संकल्प लिया।
