दिल्ली दंगा केस: उमर खालिद जमानत SC LIVE
शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ के समक्ष खालिद का प्रतिनिधित्व किया. सिब्बल ने कहा कि विशेष लोक अभियोजक ने विभिन्न आधारों - अस्वस्थता, व्यक्तिगत आपात स्थिति, किसी अन्य मामले में व्यस्तता, उच्च न्यायालय में व्यस्तता, इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या आदि के आधार पर मामले में कई बार स्थगन की मांग की.
नई दिल्ली: दिल्ली दंगों की व्यापक साजिश मामले में सुप्रीमकोर्ट आज भी ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगा. शुक्रवार को, अदालत ने उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा और शरजील इमाम की दलीलें सुनी थीं.
आज, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ अन्य तीन आरोपियों और दिल्ली पुलिस की दलीलें भी सुनेगी.
दरअसल, कार्यकर्ता उमर खालिद ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2020 के दिल्ली दंगों में 751 एफआईआर दर्ज हैं और उनमें से एक में उन पर आरोप है, और अगर यह एक साजिश है, तो “यह थोड़ा आश्चर्यजनक है.”
“751 FIR में सिर्फ 1 में नाम? उमर खालिद: ‘साजिश का आश्चर्य!’ – SC में सुनवाई जारी, जमानत मिलेगी या नहीं?”
LIVE अपडेट: SC बेंच ने पुलिस को नोटिस जारी
- बेंच: जस्टिस अरविंद कुमार + जस्टिस एनवी अंजारिया – 5 याचिकाओं पर सुनवाई (उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान)।
- शुक्रवार (31 अक्टूबर): कपिल सिब्बल ने दलील – “5 साल जेल, कोई सबूत नहीं! गंभीरता से जमानत नहीं रोकी जा सकती।”
- आज (3 नवंबर): दिल्ली पुलिस का पक्ष – ASG SV राजू: “CAA प्रोटेस्ट्स को कवर के तहत रिजीम चेंज की साजिश!”
- LIVE स्टेटस: सुनवाई सुबह 10:30 से – पहला केस बोर्ड पर।
फैक्ट: 2020 दंगों में 53 मौतें, 700+ घायल – UAPA + IPC के तहत केस।
उमर खालिद की तीखी दलीलें – सिब्बल का धमाका
- कपिल सिब्बल: “751 FIR, सिर्फ 1 में नाम – अगर साजिश है तो आश्चर्य! उमर दिल्ली में ही नहीं था।”
- कोई सबूत नहीं: “हथियार, धन, गवाह – कुछ नहीं मिला। नताशा, देवांगना को 2021 में जमानत मिली – समानता का अधिकार!”
- देरी का बहाना: SPL ने 6 बार स्थगन मांगा – “इंटरनेट समस्या, व्यस्तता”।
- 5 साल जेल: “ट्रायल पनिशमेंट बन गया – कोई हिंसा लिंक नहीं।”
दिल्ली पुलिस का काउंटर – साजिश का खुलासा
| पुलिस का दावा | डिटेल्स | खालिद का जवाब |
|---|---|---|
| CAA प्रोटेस्ट्स कवर | “रेडिकल कैटेलिस्ट से रिजीम चेंज की साजिश” | “शांतिपूर्ण विरोध, कोई हिंसा कॉल नहीं” |
| स्पॉन्सर्ड प्रोटेस्ट | “नेशन-वाइड दंगे प्लान” | “दिल्ली में ही नहीं था” |
| UAPA जरूरी | “रूट्स ऑफ सोवरेन्टी पर हमला” | “सिर्फ साजिश, कोई फिजिकल प्रूफ नहीं” |
| ट्रायल देरी | “खालिद जिम्मेदार” | “7 दिन बहस, 6 स्थगन SPL के” |
पुलिस: “सक्सेसिव बेल ऐप्लिकेशन नहीं – 2024 में खालिद ने वापस लिया था।”
पूरा केस: 2020 दिल्ली दंगे की साजिश
- घटना: फरवरी 2020 – CAA/NRC प्रोटेस्ट्स के दौरान NE दिल्ली दंगे।
- आरोपी: उमर खालिद (JNU स्कॉलर), शरजील इमाम – “मास्टरमाइंड” आरोप।
- चार्जशीट: UAPA + IPC – 5 साल से जेल, ट्रायल लंबा।
- पास्ट: दिल्ली HC ने 2 सितंबर 2025 को जमानत खारिज।
- SC का पैटर्न – क्या मिलेगी राहत?
- पिछली सुनवाई: 27 अक्टूबर को पुलिस को काउंटर दाखिल करने को कहा।
- 31 अक्टूबर: “प्रोलॉन्ग्ड इनकार्सेशन = बेल का ग्राउंड” – गंभीरता से नहीं रोका जा सकता।
- प्रेडिक्शन: SC नोटिस जारी – फैसला 1-2 हफ्ते में?
निष्कर्ष: जमानत का फैसला – न्याय या देरी?
| साइड | मुख्य पॉइंट | संभावित रिजल्ट |
|---|---|---|
| आरोपी | 5 साल जेल, कोई प्रूफ – “ट्रायल = पनिशमेंट” | जमानत मिले (समानता पर) |
| पुलिस | साजिश से रिजीम चेंज – UAPA सख्त | जमानत खारिज (सुरक्षा पर) |
| SC | प्रोलॉन्ग्ड केस में बेल – लेकिन सबूत जरूरी | 50-50 – हियरिंग जारी |
| इम्पैक्ट | UAPA पर बहस – फेयर ट्रायल डिमांड | एक्टिविस्ट्स को राहत? |
सार: SC में सुनवाई जारी – 751 FIR में नाम का सवाल, सबूत की कमी। न्याय की उम्मीद, लेकिन UAPA का साया। आज का मंत्र: “5 साल जेल = सजा बिना ट्रायल? SC फैसला बदलेगा!”
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