Bihar Chunav News: NDA के भीतर ही मतभेद! JDU ने मांगा एक चरण में चुनाव, तो BJP ने की बूथ पर 'बुर्के' पर बैन की मांग
JDU ने की सिंगल-फेज वोटिंग की मांग, BJP ने फर्जी वोटिंग रोकने के लिए 'बुर्के' पर बैन मांगा।

Bihar Chunav News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों का जायजा लेने पटना पहुंची चुनाव आयोग की टीम के सामने, सत्ताधारी एनडीए (NDA) गठबंधन के दो प्रमुख दलों, जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP), ने दो ऐसी मांगें रख दी हैं, जिन्होंने राज्य की सियासत में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पूरे राज्य में एक ही चरण में मतदान (Single-Phase Voting) कराने की मांग की है, वहीं दूसरी ओर, बीजेपी ने फर्जी वोटिंग को रोकने का हवाला देते हुए, मतदान केंद्रों पर ‘बुर्के’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली है।
एक चरण में हो चुनाव ताकि विकास का एजेंडा न भटके’: JDU
चुनाव आयोग के साथ हुई बैठक में, जेडीयू के प्रतिनिधियों ने यह दलील दी कि बिहार में अब कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी है और सुरक्षाबलों की कोई कमी नहीं है, इसलिए पूरे राज्य में एक ही दिन में चुनाव कराना संभव है। पार्टी का कहना है कि कई चरणों में चुनाव होने से आदर्श आचार संहिता लंबे समय तक लागू रहती है, जिससे विकास के कार्य बाधित होते हैं। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे जेडीयू की एक राजनीतिक रणनीति है। जेडीयू को लगता है कि एक चरण में चुनाव होने से विपक्ष को वोटों के ध्रुवीकरण या रणनीति बदलने का मौका नहीं मिलेगा।
Bihar Chunav News: बुर्के पर बैन चाहती है BJP
वहीं, बीजेपी ने इस बैठक में एक बेहद संवेदनशील और विवादास्पद मांग रखी। बीजेपी के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि मतदान के दिन पोलिंग बूथों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं के चेहरे के सत्यापन (face verification) के लिए सख्त नियम बनाए जाएं, या अगर संभव हो तो बुर्के पर ही प्रतिबंध लगा दिया जाए। बीजेपी का तर्क है कि बुर्के की आड़ में बड़े पैमाने पर ‘फर्जी’ या ‘बोगस’ वोटिंग की जाती है, जिसे रोकना निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है।
विपक्ष ने बोला हमला, कहा- यह ध्रुवीकरण की साजिश है
एनडीए के दोनों दलों की इन मांगों पर विपक्षी महागठबंधन ने तीखा हमला बोला है। आरजेडी और कांग्रेस ने बीजेपी की ‘बुर्का बैन’ की मांग को सीधे तौर पर चुनाव का ‘धार्मिक ध्रुवीकरण’ करने की एक घिनौनी साजिश बताया है। विपक्ष का कहना है कि बीजेपी के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए वह अब हिंदू-मुसलमान करके चुनाव जीतना चाहती है। वहीं, जेडीयू की एक चरण में चुनाव की मांग पर भी विपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा है कि यह सत्ता का दुरुपयोग करने और प्रशासन पर दबाव बनाने की एक कोशिश है।
एनडीए में ही मतभेद?
हालांकि बीजेपी और जेडीयू, दोनों ही दल इन मांगों को अपनी-अपनी पार्टी का स्टैंड बता रहे हैं, लेकिन यह साफ दिख रहा है कि चुनाव से पहले दोनों दलों की रणनीतियां अलग-अलग हैं। जेडीयू जहां ‘विकास’ और ‘सुशासन’ के मुद्दे पर एक सकारात्मक अभियान चलाना चाहती है, वहीं बीजेपी अपने कोर ‘राष्ट्रवादी’ और ‘ध्रुवीकरण’ वाले एजेंडे पर भी फोकस कर रही है। इन मांगों ने चुनाव आयोग के सामने एक बड़ी चुनौती पेश कर दी है, और अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आयोग इन संवेदनशील मुद्दों पर क्या फैसला लेता है।