Jharkhand news: रांची में बुलडोजर का कहर,100 से ज्यादा झुग्गियां ध्वस्त, भाकपा माले ने सड़कों पर उतरकर जताया विरोध
रांची नगर निगम की कार्रवाई से सैकड़ों परिवार बेघर, भाकपा माले ने प्रदर्शन कर सरकार को घेरा।

Jharkhand news: रांची, झारखंड की राजधानी रांची में बुलडोजर कार्रवाई ने हंगामा मचा दिया है। रांची नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए 100 से अधिक झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ दिया। यह कार्रवाई कांके रोड के पास डिबडीह और आसपास के इलाकों में हुई। इस दौरान सैकड़ों परिवार बेघर हो गए। भाकपा माले (CPI-ML) ने इस कार्रवाई को गरीब विरोधी बताते हुए जोरदार विरोध किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
डिबडीह में क्यों चला बुलडोजर?
रांची नगर निगम ने डिबडीह और आसपास के इलाकों में अवैध निर्माण को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया। प्रशासन का कहना है कि ये झुग्गियां सरकारी जमीन पर बनी थीं। कांके रोड पर सड़क चौड़ीकरण और विकास कार्यों के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। मंगलवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ बुलडोजर पहुंचे और 100 से ज्यादा झोपड़ियां तोड़ दी गईं। कार्रवाई के दौरान कई परिवारों का सामान खुले में बिखर गया। प्रभावित लोग रोते-बिलखते रह गए, लेकिन प्रशासन ने कार्रवाई जारी रखी।
भाकपा माले का गुस्सा, सड़कों पर प्रदर्शन
भाकपा माले ने इस कार्रवाई को अमानवीय बताया। पार्टी ने इसे गरीबों के खिलाफ साजिश करार दिया। माले नेता सुखनाथ लोहरा ने कहा, “यह सरकार गरीबों का घर उजाड़ रही है। बिना पुनर्वास की व्यवस्था के झुग्गियां तोड़ना गलत है। कार्यकर्ताओं ने कांके रोड पर धरना दिया और नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि प्रभावित परिवारों को तुरंत नया ठिकाना और मुआवजा दिया जाए। प्रदर्शन के कारण इलाके में तनाव रहा, लेकिन पुलिस ने स्थिति को काबू में रखा।
प्रभावित परिवारों की दर्दनाक कहानी
झुग्गी तोड़े जाने से सैकड़ों लोग बेघर हो गए। इनमें मजदूर, रिक्शा चालक और छोटे-मोटे काम करने वाले लोग शामिल हैं। प्रभावित रामू महतो ने बताया, हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया। अब बच्चे और परिवार कहां जाएंगे?” कई महिलाएं और बच्चे खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं। बारिश का मौसम होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कुछ लोग पड़ोसियों के यहां शरण लिए हुए हैं, लेकिन ज्यादातर के पास कोई ठिकाना नहीं है।
प्रशासन का क्या कहना है?
रांची नगर निगम का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों के तहत हुई। डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि अवैध अतिक्रमण हटाना जरूरी था, क्योंकि यह सड़क और विकास परियोजनाओं में बाधा बन रहा था। प्रशासन ने दावा किया कि प्रभावितों के लिए पुनर्वास की योजना बन रही है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि बिना नोटिस के यह कार्रवाई की गई।