भारत-मंगोलिया रणनीतिक साझेदारी: 10 समझौते, सैन्य सहयोग और सांस्कृतिक कनेक्शन

नई दिल्ली: मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना चार दिन के भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात हुई, जिसमें 10 महत्वपूर्ण समझौतों की घोषणा की गई।
भारत-मंगोलिया सहयोग के प्रमुख बिंदु:
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मंगोलिया ने भारत को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में परमानेंट सदस्यता के समर्थन की पुष्टि की।
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भारत मंगोलिया की सेना को प्रशिक्षण देगा और दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास (ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज) होगा।
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हथियार और सुरक्षा तकनीक पर भी सहयोग बढ़ाने की योजना है।
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कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा।
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दोनों देशों ने सांस्कृतिक सहयोग के तहत संयुक्त डाक टिकट जारी किया, जिसमें भारत की रामलीला और मंगोलिया का बियेलगे लोक नृत्य चित्रित हैं।
भारत क्यों मंगोलिया में दिलचस्पी ले रहा है? 10 कारण
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रणनीतिक स्थान: मंगोलिया चीन और रूस के बीच स्थित है, भारत के लिए चीन के प्रभाव को संतुलित करने में मददगार।
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खनिज संसाधन: कोयला, तांबा और दुर्लभ धातुएं भारत के उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण।
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ऊर्जा परियोजनाएं: मंगोलिया में 1.7 अरब डॉलर से अधिक का ऑयल रिफाइनरी प्रोजेक्ट।
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कोकिंग कोल: भारत को मंगोलिया से कोकिंग कोल आयात के विकल्प तलाशने में मदद।
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कम चीन निर्भरता: व्यापार मार्गों और परिवहन नेटवर्क में विविधता।
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सुरक्षा सहयोग: साइबर सुरक्षा और सीमा सुरक्षा पर प्रशिक्षण और जानकारी साझा करना।
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आर्थिक निवेश: इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और डिजिटल क्षेत्र में निवेश।
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इंडो-पैसिफिक रणनीति: मुक्त, समृद्ध और समावेशी क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाना।
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वैश्विक कूटनीति: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नेटवर्क और प्रभाव बढ़ाना।
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क्षेत्रीय संतुलन: पाकिस्तान और चीन के साथ त्रिकोणीय रणनीतिक संतुलन में सहायक।
इस दौरे से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को नया आयाम मिला है, जो भारत के रणनीतिक हितों और वैश्विक छवि को मजबूत करेगा।
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