Jharkhand News: झारखंड कांग्रेस में फेरबदल, 25 नवंबर की डेडलाइन ने बढ़ाई 10 नेताओं की धड़कन, जानें क्या है प्लान
प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर रांची में बैठक की और जिला कमेटियों के पुनर्गठन का निर्देश दिया।
Jharkhand News: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) संगठन में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बहुत बड़े फेरबदल की तैयारी शुरू हो गई है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और नई ऊर्जा भरने के लिए एक सख्त डेडलाइन तय कर दी है। रांची स्थित कांग्रेस भवन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में, पांडे ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह स्पष्ट निर्देश दिया कि 25 नवंबर 2025 तक पार्टी की सभी जिला कमेटियों का पुनर्गठन हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए। इस ऐलान ने राज्य के कई कांग्रेस नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं, क्योंकि यह फेरबदल आने वाले चुनाव में उनकी भूमिका तय करने वाला है।
चुनाव की तैयारियों पर हुई अहम बैठक
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस अहम बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए संगठन की तैयारियों की समीक्षा करना था। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने साफ कर दिया कि चुनाव जीतने के लिए एक मजबूत और सक्रिय जमीनी संगठन का होना पहली शर्त है। उन्होंने कहा कि मौजूदा जिला कमेटियों में कई स्तरों पर बदलाव की जरूरत है ताकि नए, मेहनती और ऊर्जावान चेहरों को संगठन में काम करने का मौका दिया जा सके।
झारखंड कांग्रेस इस बार चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती और इसी को देखते हुए संगठन को पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है। बैठक में यह तय किया गया कि जो पदाधिकारी केवल नाम के लिए पदों पर बने हुए हैं और क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
पुनर्गठन के लिए यह है ‘अद्भुत’ प्लान
झारखंड कांग्रेस संगठन के इस बड़े पुनर्गठन के लिए एक विस्तृत रोडमैप भी तैयार किया गया है। अविनाश पांडे ने बैठक में बताया कि 15 नवंबर से 20 नवंबर के बीच सभी जिलों में प्रदेश स्तर के पर्यवेक्षक (Observers) भेजे जाएंगे। ये पर्यवेक्षक अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का सघन दौरा करेंगे।
इन पांच दिनों के दौरान, पर्यवेक्षक स्थानीय कार्यकर्ताओं, पुराने नेताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात कर फीडबैक लेंगे। वे मौजूदा जिला कमेटियों के कामकाज की गहराई से समीक्षा करेंगे और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। उनकी रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख होगा कि मौजूदा अध्यक्ष और उनकी टीम ने पिछले कार्यकाल में कितना काम किया है और उनकी जमीनी पकड़ कैसी है।
25 नवंबर की डेडलाइन क्यों है खास?
पर्यवेक्षकों को 20 नवंबर तक अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को सौंपने का सख्त निर्देश दिया गया है। इसके तुरंत बाद, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रभारी अविनाश पांडे की देखरेख में नई कमेटियों के नामों पर मंथन शुरू होगा। 25 नवंबर की यह डेडलाइन यह सुनिश्चित करने के लिए रखी गई है कि दिसंबर की शुरुआत तक झारखंड कांग्रेस की नई जिला स्तरीय टीम पूरी तरह से तैयार होकर चुनावी मोड में आ जाए।
अविनाश पांडे ने बैठक में दो टूक कहा कि संगठन में परफॉर्मेंस को ही एकमात्र आधार बनाया जाएगा। जो पदाधिकारी सक्रिय नहीं हैं या जिनकी शिकायतें मिली हैं, उन्हें संगठन में कोई जगह नहीं दी जाएगी। यह फेरबदल गुटबाजी खत्म करने और सिर्फ पार्टी के प्रति वफादार लोगों को आगे लाने की एक कोशिश है।
निष्क्रिय नेताओं की बढ़ेगी मुश्किल
इस फैसले से झारखंड कांग्रेस के उन नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो लंबे समय से पदों पर तो काबिज थे, लेकिन जमीनी स्तर पर सक्रिय नहीं थे। 15 से 20 नवंबर तक होने वाला पर्यवेक्षकों का दौरा इन नेताओं के लिए किसी ‘अग्निपरीक्षा’ से कम नहीं होगा। कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर ही उनका राजनीतिक भविष्य तय किया जाएगा।



