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Jharkhand News: झारखंड में 107 करोड़ के घोटाले की जांच हुई तेज, ईडी ने रांची निगम के कई ठिकानों पर की छापेमारी

Jharkhand News: झारखंड में 107 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची नगर निगम और अन्य निगमों में हुए इस बड़े घोटाले की जांच शुरू की है। ईडी ने रांची, जमशेदपुर और कोलकाता में कई जगहों पर छापेमारी की है। इस घोटाले में फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी का शक है।
फर्जी बिलों से हुआ घोटाला
ईडी की जांच में पता चला है कि रांची नगर निगम और अन्य निगमों में फर्जी बिल बनाकर 107 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। इन फर्जी बिलों के जरिए ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया। ईडी ने इस मामले में कई दस्तावेज और सबूत जमा किए हैं। छापेमारी में रांची और जमशेदपुर के कुछ बड़े ठेकेदारों के ठिकानों पर भी जांच की गई। इससे पहले, मार्च 2024 में, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने 132 करोड़ रुपये के फर्जी बिल घोटाले का पर्दाफाश किया था।
ईडी की सख्त कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों—शिव कुमार देवरा, सुमित गुप्ता और अमित गुप्ता—के खिलाफ जांच तेज कर दी है। इन लोगों ने कथित तौर पर 14,325 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए, जिससे 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया गया। ईडी ने रांची, जमशेदपुर और कोलकाता में 9 जगहों पर छापेमारी कर कई सबूत जुटाए हैं। यह घोटाला झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में फैला हुआ है।
लोगों पर क्या असर?
यह घोटाला आम लोगों के लिए बड़ी चिंता की बात है, क्योंकि इसमें उनके टैक्स के पैसे का दुरुपयोग हुआ है। नगर निगम की योजनाएं, जैसे सड़क, पानी और साफ-सफाई, प्रभावित हो सकती हैं। अगर यह पैसा सही काम में लगता, तो गांवों और शहरों में बेहतर सुविधाएं मिलतीं। लोग अब सरकार और ईडी से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसे घोटाले न हों।
सरकार और ईडी की कोशिशें
झारखंड सरकार और ईडी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हेमंत सोरेन सरकार ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ईडी की जांच से उम्मीद है कि इस घोटाले के पीछे बड़े नाम सामने आएंगे। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी गलत गतिविधियों की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
Manpreet Singh
Author: Manpreet Singh

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