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लोहरदगा पर्यटन, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध तो है लेकिन सरकार उदासीन :

लोहरदगा की धरधारिया जलप्रापत अपनी प्राकृतिक खूबसूरती से सैलानियों को कर रहा आमंत्रित

लोहरदगा : लोहरदगा जिला पर्यटन और धार्मिक तथा ऐतिहासिक स्थलों के साथ साथ जलवायु भी रामणीय माना जाता है | जो भी लोहरदगा में आता है यहाँ का मौसम और जलवायु के अलावा लोगों का व्यवहार भी व्यावहारिक और आगंतुक तथा मेहमानवाजी में कुशल माने जाते है | लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड में स्थित धरधरिया जलप्रपात का दृश्य मन को प्रफुल्लित करता है। पर्यटक सेन्हा के धरधरिया जलप्रपात में नए साल के मौके पर प्रकृति की गोद में उत्सव मनाने पहुंचते हैं। यहां ऊंचाई से गिरता पानी और पहाड़ की सुंदरता मन को आनंदित करती है।नव वर्ष को लेकर धरधरिया को पर्यटकों का इंतजार रहता है। पर्यटक भी धरधरिया के दीदार को बेताब रहते हैं। नए साल में यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है यहां का नजारा अपने आप में बहुत अद्भुत है जो एक बार यहां आ जाए, वह यहां की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किए बिना नहीं रह सकता युवा यहां आपको जलप्रपात का दीदार कर सेल्फी लेते दिख जायेंगे। जलप्रपात में वातावरण की सुंदरता, चिड़ियों की चहचहाहट और प्रकृति ने तो जैसे यहां गहना पहन रखा है खूबसूरती का।


लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड अंतर्गत धरधरिया जलप्रपात की यही खासियत है। हम सभी ने यह नाम पहले जरूर सुना होगा, पर शायद उस समय इस नाम से खौफ का अहसास होता होगा मई 2011 में धरधरिया जलप्रपात में पुलिस और नक्सलियों के मुद्धभेड़ और विस्फोट में 11 जवान शहीद हो गए थे लेकिन अब जिले से जब से उग्रवाद कम हुई है तस्वीरे बदलने लगी है और लोग जलप्रपात का दीदार करने दूर दूर से पहुंच रहे है।
लोहरदगा जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर स्थित यह पर्यटन स्थल आज फिर से गुलजार हो चुका है। क्षेत्र की रौनक लौट आई है। पर्यटकों का यहां आना-जाना भी बढ़ा है। जिला प्रशासन क्षेत्र को पर्यटन विकास के दृष्टिकोण से देख रही है। यहां की सुंदरता अपने आप में अद्भुत है और यह झरना पूरे तरह से खड़े चट्टान से 900 फिट की ऊँचाई से गिरती है जो और झरनों से इसे अलग पहचान दिलाती है। जो भी पर्यटक यहां पर एक बार आता है, वह कहे बिना नहीं रह सकता कि हमने लाख दुनिया -जहाँ देखे हैं, पर ऐसा नहीं देखा। निश्चित रूप से धरधरिया जलप्रपात अपने आप में अद्भुत और दिल को सुकून देने वाला रमणीक पर्यटन स्थल है। लोहरदगा से सेन्हा प्रखंड मुख्यालय से हेसवे गाँव जाने वाला रोड में अवस्थित है, वहां जाने पर सुबह जाकर शाम को वापस आना होगा चुंकि वहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है, ठहरने के लिए लोहरदगा में बहुत अच्छे अच्छे आलीशान और सस्ते होटल्स भी है, लोहरदगा से राँची जाने की दुरी 75 किलोमीटर है |

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