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Rhabdomyolysis: क्रिकेटर तिलक वर्मा की 'दुर्लभ' बीमारी क्या है? लक्षण दिखे तो न करें नजरअंदाज, हो सकता है किडनी फेलियर

रैबडोमायोलिसिस एक ऐसी खतरनाक स्थिति है जिसमें मांसपेशियां तेजी से टूटती हैं, जिससे किडनी पर जानलेवा असर पड़ सकता है। जानें इसके 5 प्रमुख लक्षण और कारण।

Rhabdomyolysis: भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने हाल ही में खुलासा किया कि वह एक दुर्लभ और गंभीर मेडिकल कंडीशन से पीड़ित हैं, जिसे ‘रैबडोमायोलिसिस’ (Rhabdomyolysis) कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसके बारे में आम लोगों को जानकारी बहुत कम है, लेकिन यह एथलीट्स और बहुत ज्यादा मेहनत करने वाले लोगों के लिए एक बड़ा खतरा हो सकती है। तिलक वर्मा का इतने ऊंचे स्तर पर क्रिकेट खेलना और इस स्थिति को मैनेज करना उनकी इच्छाशक्ति को दिखाता है।

यह एक ऐसी खतरनाक स्थिति है जो अगर समय पर पहचानी न जाए, तो यह सीधे आपकी किडनी को फेल कर सकती है। आइए इस लेख में हम विस्तार से समझते हैं कि रैबडोमायोलिसिस क्या है, यह क्यों होता है, और इसके वे 5 प्रमुख लक्षण क्या हैं जिन्हें किसी को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

क्या है रैबडोमायोलिसिस? (What is Rhabdomyolysis?)

रैबडोमायोलिसिस (जिसे “रैब्डो” भी कहा जाता है) एक ऐसी गंभीर मेडिकल स्थिति है जो मांसपेशियों के टूटने से होती है। जब किसी भी कारण से आपकी मांसपेशियों के ऊतक (muscle tissue) बहुत तेजी से डैमेज होकर टूटने लगते हैं, तो वे एक खास तरह का प्रोटीन, जिसे मायोग्लोबिन (Myoglobin) कहते हैं, खून में छोड़ने लगते हैं।

यह मायोग्लोबिन हमारे खून के लिए एक जहर की तरह काम करता है। हमारा मुख्य फिल्टरेशन सिस्टम, यानी हमारी किडनी (Kidney), इस मायोग्लोबिन को खून से साफ करने की कोशिश करती है। लेकिन जब खून में इसकी मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो किडनी इस प्रोटीन को फिल्टर नहीं कर पाती और यह मायोग्लोबिन किडनी की नाजुक नलिकाओं को जाम और डैमेज करना शुरू कर देता है। अगर इसका तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह किडनी फेलियर (Kidney Failure) का कारण बन सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।

रैबडोमायोलिसिस के मुख्य कारण क्या हैं?

यह स्थिति किसी को भी हो सकती है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:

1. अत्यधिक शारीरिक परिश्रम (Extreme Physical Exertion)

यह एथलीट्स में इसका सबसे आम कारण है। जब आप अपनी क्षमता से बहुत ज्यादा और बहुत तेज वर्कआउट करते हैं (जैसे मैराथन दौड़ना, क्रॉसफिट, या बहुत भारी वजन उठाना), तो मांसपेशियां इतनी ज्यादा थक जाती हैं कि वे टूटने लगती हैं। तिलक वर्मा जैसे पेशेवर क्रिकेटर के लिए यह एक बड़ा जोखिम है।

2. गंभीर चोट (Traumatic Injury)

किसी दुर्घटना, गिरने या कुचलने वाली चोट (Crush Injury) से मांसपेशियों को सीधा नुकसान पहुंचना।

3. हीटस्ट्रोक या डिहाइड्रेशन

बहुत ज्यादा गर्मी में काम करने या पानी की भारी कमी से भी मांसपेशियां डैमेज हो सकती हैं।

4. अन्य कारण

कुछ दवाएं, नशीली दवाओं का सेवन, या गंभीर संक्रमण भी इसका कारण बन सकते हैं।

रैबडोमायोलिसिस के 5 प्रमुख लक्षण (5 Key Rhabdomyolysis Symptoms)

इस बीमारी के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है, क्योंकि शुरुआती इलाज से किडनी को बचाया जा सकता है।

1. गहरा/डार्क रंग का यूरिन (Dark-colored Urine)

यह रैबडोमायोलिसिस का सबसे बड़ा और सबसे स्पष्ट चेतावनी संकेत है। जब मायोग्लोबिन प्रोटीन किडनी से फिल्टर होकर पेशाब में आता है, तो यह पेशाब का रंग बदलकर गहरा भूरा, चाय जैसा या कोला-कलर (Tea-colored or Cola-colored) का कर देता है। यदि आपको ऐसा यूरिन दिखे, तो यह एक मेडिकल इमरजेंसी है।

2. मांसपेशियों में असहनीय दर्द (Severe Muscle Pain)

यह साधारण वर्कआउट के बाद होने वाला दर्द (DOMS) नहीं है। यह एक बहुत ही तीव्र और असहनीय दर्द होता है, खासकर कंधों, जांघों, पिंडलियों और पीठ के निचले हिस्से में।

3. मांसपेशियों में कमजोरी और सूजन (Muscle Weakness and Swelling)

दर्द के साथ-साथ, प्रभावित मांसपेशियां सूज सकती हैं और बहुत कमजोर महसूस हो सकती हैं। आपको अपने हाथ या पैर हिलाने में भी कठिनाई महसूस हो सकती है।

4. सामान्य थकान और मतली (General Fatigue and Nausea)

शरीर में इतना बड़ा डैमेज होने के कारण, व्यक्ति को बहुत ज्यादा थकान, कमजोरी, बुखार और उल्टी या मतली जैसा महसूस हो सकता है।

5. भ्रम या बेहोशी (Confusion or Fainting)

जैसे-जैसे यह स्थिति बढ़ती है, यह शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलन को बिगाड़ देती है, जिससे भ्रम की स्थिति, अनियमित दिल की धड़कन या बेहोशी भी हो सकती है।

रैबडोमायोलिसिस: लक्षण और जोखिम (Informative Table)

यह डेटा तालिका आपको इस स्थिति के मुख्य लक्षणों, जोखिम कारकों और परिणामों को संक्षेप में समझने में मदद करेगी।

पहलू (Aspect) विवरण (Details)
मुख्य समस्या मांसपेशियों का तेजी से टूटना और खून में मायोग्लोबिन छोड़ना।
मुख्य खतरा मायोग्लोबिन द्वारा किडनी को डैमेज करना, जिससे किडनी फेलियर हो सकता है।
प्रमुख जोखिम कारक अत्यधिक व्यायाम, गंभीर चोट, हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन।
चेतावनी का मुख्य लक्षण गहरे भूरे या चाय के रंग का पेशाब (Dark Urine)
अन्य लक्षण मांसपेशियों में असहनीय दर्द, कमजोरी, सूजन, थकान, मतली।
इलाज यह एक मेडिकल इमरजेंसी है। अस्पताल में IV फ्लूइड्स (नसों द्वारा तरल पदार्थ देना) के जरिए किडनी को फ्लश किया जाता है।

कैसे करें बचाव? (Prevention Tips)

एथलीट्स और आम लोगों के लिए इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका सावधानी बरतना है:

  • हाइड्रेटेड रहें: वर्कआउट के दौरान और बाद में खूब पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स पिएं।
  • धीरे-धीरे शुरुआत करें: किसी भी नए एक्सरसाइज रूटीन को धीरे-धीरे शुरू करें। अपने शरीर को आराम का समय दें।
  • गर्मी में बचें: अत्यधिक गर्मी और उमस में कसरत करने से बचें।
  • अपने शरीर की सुनें: सबसे महत्वपूर्ण बात – अपने शरीर के संकेतों को सुनें। यदि आपको वर्कआउट के दौरान चक्कर, मतली या असामान्य दर्द महसूस हो, तो तुरंत रुक जाएं।

रैबडोमायोलिसिस एक गंभीर स्थिति है, लेकिन जागरूक रहकर इससे बचा जा सकता है। क्रिकेटर तिलक वर्मा का इस स्थिति के साथ खेलते रहना उनकी दृढ़ता और उनके मेडिकल स्टाफ की निगरानी को दर्शाता है। आम लोगों के लिए यह एक सबक है कि फिटनेस जरूरी है, लेकिन अपनी सीमाओं को लांघना खतरनाक हो सकता है। यदि आपको कभी भी, विशेष रूप से एक कठिन कसरत के बाद, Rhabdomyolysis symptoms में से कोई भी लक्षण, खासकर गहरे रंग का यूरिन दिखे, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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