भोजपुर जिले में मतदाता सूची से 37,899 वोटर गायब, एसआईआर में 1.41 लाख नाम हटे

आरा: भोजपुर जिले में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का असर 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची में साफ दिखाई दे रहा है। पांच साल पहले वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार जिले में कुल 37,899 मतदाता कम हो गए हैं।
पिछली बार भोजपुर की सातों विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 21,18,504 थी, जबकि इस बार की सूची में यह घटकर 20,80,605 रह गई है। यानी पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या बढ़ने के बजाय कम हो गई है। चुनाव विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य परिस्थितियों में हर पांच साल में मतदाताओं की संख्या लगभग एक लाख तक बढ़ जानी चाहिए थी।
विधानसभा वार स्थिति
अंतिम सूची के अनुसार सबसे ज्यादा वोटरों की कमी शाहपुर विधानसभा में हुई है, जहां 12,108 मतदाता घटे हैं। इसके बाद
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अगिआंव में 5,891,
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तरारी में 5,110,
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बड़हरा में 4,843,
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आरा में 4,116,
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जगदीशपुर में 3,488,
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और सबसे कम कमी संदेश विधानसभा में 2,343 मतदाताओं की हुई है।
एसआईआर का असर
एसआईआर अभियान शुरू होने से पहले भोजपुर जिले में कुल मतदाता 22,21,986 थे। लेकिन पुनरीक्षण के बाद यह संख्या घटकर 20,80,605 रह गई है। यानी 1,41,381 वोटरों के नाम सूची से हटा दिए गए।
पहले अगस्त में प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची में करीब 1.90 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए थे, लेकिन अंतिम सूची में यह आंकड़ा घटकर 1.41 लाख पर आ गया।
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थर्ड जेंडर वोटर भी प्रभावित
जिले में थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या भी उल्लेखनीय रूप से घटी है। वर्ष 2020 में इनकी संख्या 100 थी, लेकिन इस बार यह घटकर सिर्फ 28 रह गई है। यानी 72 थर्ड जेंडर मतदाताओं के नाम सूची से गायब हो गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मतदाता सूची में यह भारी कटौती चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों में, जहां हजारों मतदाताओं की संख्या एक साथ कम हुई है। विपक्षी दल इस पर सवाल उठा सकते हैं, जबकि प्रशासन का तर्क है कि यह कार्रवाई डुप्लीकेट नाम हटाने और साफ-सुथरी सूची बनाने के लिए की गई है।