संकट में अब्राहम समझौता: UAE ने इजरायल को दी कड़ी चेतावनी, वेस्ट बैंक कब्जे पर उठे सवाल

डेस्क: इजरायल और अरब देशों के बीच रिश्तों का गठजोड़ करने वाले अब्राहम समझौते पर काले गहरे बादल मंडराने लगे है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने साफ चेतावनी दी है कि अगर इजरायल वेस्ट बैंक पर कब्जे की अपनी योजना पर आगे बढ़ता है, तो यह समझौते के भविष्य को कमजोर कर देगा।
सितंबर 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में UAE और इजरायल के बीच ऐतिहासिक अब्राहम समझौता हुआ था। इसके बाद बहरीन, सूडान और मोरक्को ने भी इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य किए थे।
इजरायल की नेतन्याहू सरकार वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने नियंत्रण में लेने पर विचार कर रही है। यह कदम फिलिस्तीनी क्षेत्रों को मान्यता देने वाले यूरोपीय देशों की नीति के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
UAE ने इसे ‘रेड लाइन’ बताते हुए कहा है कि अगर यह कदम उठाया गया तो अब्राहम समझौते की आत्मा कमजोर हो जाएगी और दो-राष्ट्र समाधान की संभावना खतरे में पड़ जाएगी।
फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने UAE के इस रुख का स्वागत किया है, जबकि इजरायली सरकार ने फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
1967 के छह दिवसीय युद्ध के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर नियंत्रण स्थापित किया। यहां करीब 160 बस्तियां बनाई गईं, जिनमें लगभग 7 लाख यहूदी रहते हैं। वहीं, लगभग 33 लाख फिलिस्तीनी इन्हीं इलाकों में रहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, ये बस्तियां अवैध मानी जाती हैं, लेकिन इजरायल इन्हें अपने ऐतिहासिक और सुरक्षा हितों से जोड़ता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि UAE की यह चेतावनी ट्रंप की विदेश नीति की सबसे बड़ी उपलब्धि, अब्राहम समझौते, पर सवाल खड़े करती है। यदि इजरायल ने कब्जे की योजना आगे बढ़ाई तो यह समझौता कमजोर हो सकता है और अमेरिका की मध्यस्थता पर भी सवाल उठेंगे।
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