EPFO में नियमों में बदलाव, अब मेंबर्स निकाल सकेंगे इतना फंड

डेस्क: केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के नियमों में बदलाव पर विचार कर रही है, ताकि मेंबर्स को अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल करने की अधिक स्वतंत्रता मिल सके। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, घर बनवाने, शादी, शिक्षा और अन्य जरूरी खर्चों के लिए पीएफ खाते से पैसे निकालने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर काम चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अभी कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन सरकार एक साल के भीतर इस बदलाव को लागू करने पर विचार कर रही है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, नए नियमों के तहत EPFO मेंबर्स को हर 10 साल में एक बार खाते में जमा पूरी राशि या उसका हिस्सा निकालने की अनुमति दी जा सकती है। अधिकारियों ने कहा, “हम मेंबर्स पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते। यह उनका पैसा है, और उन्हें अपनी जरूरतों के अनुसार अपने फंड का प्रबंधन करने की आजादी होनी चाहिए।” इस बदलाव से मेंबर्स अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार फंड का उपयोग कर सकेंगे।
लचीले नियम से मिलेगी आर्थिक सुविधा
विशेषज्ञों का मानना है कि EPFO नियमों में यह बदलाव खासकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के सदस्यों के लिए फायदेमंद होगा। अक्सर उन्हें अचानक कैश की जरूरत होती है, और मौजूदा नियमों के तहत उन्हें 58 साल की रिटायरमेंट उम्र या लंबी बेरोजगारी के बाद ही पूरी राशि निकालने की अनुमति मिलती है। फिलहाल कुछ मामलों में आंशिक निकासी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन नए नियमों के लागू होने से यह प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।
EPFO के सदस्यों के लिए संभावित लाभ
नई योजना में, मेंबर्स को हर 10 साल में अपनी राशि का हिस्सा निकालने का विकल्प मिलेगा। इससे वे अपनी व्यक्तिगत जरूरतों, जैसे घर खरीदना, शिक्षा या शादी में निवेश, या छोटे व्यवसाय में पूंजी लगाने के लिए फंड का इस्तेमाल कर पाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव EPFO मेंबर्स के लिए वित्तीय लचीलापन बढ़ाएगा और उन्हें तत्कालिक जरूरतों के लिए राहत देगा।
केंद्र सरकार के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि EPFO नियमों को जीवन के अलग-अलग मोड़ और मेंबर्स की वित्तीय जरूरतों के अनुसार लचीला बनाने पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो यह ईपीएफ सदस्यों के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा।
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