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भारत-रूस दोस्ती अटूट: सस्ता तेल, मजबूत ऊर्जा डील – राजदूत ने दिया ट्रंप को करारा जवाब!
दुनिया में तनाव बढ़ रहा है, लेकिन भारत और रूस की दोस्ती आज भी पहले जैसी मजबूत है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने साफ कहा है कि भारत और रूस का तेल और ऊर्जा का सहयोग भारत के फायदे के लिए है उन्होंने कहा कि रूस का तेल दुनिया में सबसे सस्ता है और यह भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि रूस का तेल दुनिया में सबसे सस्ता है और यह भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि रूस का तेल दुनिया में सबसे सस्ता है और यह भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। ।
वाराणसी – भारत और रूस की दोस्ती बहुत पुरानी है। 1971 के युद्ध में रूस ने भारत का साथ दिया था। आज भी भारत की सेना के ज्यादातर हथियार रूस से आते हैं। लेकिन अब ऊर्जा (तेल और गैस) इस दोस्ती का नया आधार बन गया है।यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर पाबंदी लगाई, लेकिन भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। आज भारत का एक-तिहाई तेल रूस से आता है। इससे तेल सस्ता मिलता है और पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रित रहती हैं।
ट्रंप का दावा और रूस का जवाब
16 अक्टूबर 2025 को ट्रंप ने कहा, “मैंने मोदी जी से कहा कि भारत रूस से तेल न खरीदे। उन्होंने मुझे वादा किया कि वे रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे।”
इसके जवाब में रूस के राजदूत अलीपोव ने कहा:
. “हमारा तेल सहयोग भारत के फायदे के लिए है।”
. “रूस का तेल सबसे सस्ता है।”
. “हमने हमेशा वादा निभाया है।”
. “भारत को यह फैसला खुद लेना है, हम उसका सम्मान करते हैं।”
भारत सरकार का जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी कहा,हम तेल वहीं से खरीदते हैं, जहां से सस्ता और सुरक्षित मिलता है। हमारा पहला कर्तव्य भारतीय जनता के हितों की रक्षा करना है।
फायदा क्या है?
. 2022 से अब तक भारत ने रूस से 4 करोड़ टन से ज्यादा तेल खरीदा।
. यह तेल दूसरे देशों के तेल से 10-15% सस्ता है।
. इससे पेट्रोल-डीजल महंगा नहीं हुआ।
. विदेशी मुद्रा भी बची।
सिर्फ तेल नहीं, और भी सहयोग
परमाणु बिजली: कुडनकुलम प्लांट में रूस की मदद।
आर्कटिक तेल: रूस और भारत मिलकर उत्तरी ध्रुव में तेल निकाल रहे हैं।
गैस पाइपलाइन: साइबेरिया से भारत तक गैस लाने की योजना।
अमेरिका से भी दोस्ती-भारत अमेरिका से भी अच्छे संबंध रखता है। वहां से LNG गैस खरीदने की योजना है। लेकिन रूस का तेल पूरी तरह बंद करना मुश्किल है। भारत बीच का रास्ता अपना रहा है।
आगे क्या?
BRICS और SCO में भारत-रूस साथ काम करेंगे। AI, अंतरिक्ष और हरी ऊर्जा में नई परियोजनाएं शुरू होंगी,2040 तक भारत की ऊर्जा जरूरत दोगुनी होगी, रूस उसमें बड़ा साथी रहेगा।
निष्कर्ष: ट्रंप का बयान सुर्खियां बटोर सकता है, लेकिन भारत अपनी नीति पर कायम है। रूस का तेल सस्ता और भरोसेमंद है। यह दोस्ती सिर्फ तेल तक नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीक और सुरक्षा तक फैली है। आने वाले सालों में यह रिश्ता और मजबूत होगा।



