डेस्क – आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में जंक फूड, तेल-मसाले वाली चीजें और बैठे रहने की आदत ने लोगों का कोलेस्ट्रॉल बहुत तेजी से बढ़ा दिया है। खतरनाक बात यह है कि हाई कोलेस्ट्रॉल शुरू में चुपके से बढ़ता है और जब तक दिल की नसें ब्लॉक हो जाती हैं या हार्ट अटैक आता है, तब तक पता नहीं चलता।लेकिन प्रकृति हमें पहले से चेतावनी देती है। खासकर हमारे पैरों में! जी हां, जब कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो खून की नसें सिकुड़ने लगती हैं और पैरों तक खून सही से नहीं पहुंच पाता। इसे मेडिकल भाषा में PAD (Peripheral Artery Disease) कहते हैं।
अगर आप अपने पैरों में ये 5 लक्षण देख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। इन्हें बिल्कुल इग्नोर न करें।
चलते समय पैरों में तेज दर्द या ऐंठन
सबसे आम लक्षण है – थोड़ी दूर चलने पर पैरों (खासकर पिंडलियों) में तेज दर्द या ऐंठन होना।लोग इसे “थकान” समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह हाई कोलेस्ट्रॉल का पहला अलार्म है।आराम करने पर दर्द अपने आप कम हो जाता है, इसलिए इसे Claudication कहते हैं।अगर 100-200 मीटर चलने पर ही दर्द होने लगा है तो समझ जाइए नसों में ब्लॉकेज शुरू हो गया है।
पैर हमेशा ठंडे रहना
दोनों हाथ गर्म हैं, लेकिन पैर हमेशा बर्फ जैसे ठंडे रहते हैं?
यह इसलिए होता है क्योंकि कोलेस्ट्रॉल की वजह से पैरों तक खून ठीक से नहीं पहुंच रहा।रात में सोते समय भी पैरों में ठंडक महसूस होती है और कई बार मोजे पहनकर भी गर्म नहीं होते।यह लक्षण ज्यादातर 40 साल से ऊपर वालों में दिखता है।
पैरों के बाल झड़ना और नाखून का रंग बदलना
अचानक पैरों और पंजों के बाल झड़ने लगें, त्वचा चमकदार और पतली हो जाए, नाखून मोटे और पीले पड़ जाएं – तो यह बहुत बड़ा संकेत है।कोलेस्ट्रॉल जमा होने से बालों की जड़ों और नाखूनों तक पोषण नहीं पहुंच पाता।शुरू में सिर्फ एक पैर में दिखता है, बाद में दोनों में हो जाता है।
पैरों में सुन्नता या झनझनाहट
पैरों में बार-बार सुन्न पड़ जाना, झुनझुनाहट होना या ऐसा लगना जैसे करंट लग रहा हो – यह नसों में ब्लॉकेज का सीधा संकेत है।रात में सोते समय यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है।कई लोग इसे “नस दबना” समझते हैं, लेकिन असल में यह कोलेस्ट्रॉल की वजह से खून का फ्लो कम हो रहा होता है।
पैरों पर घाव देर से भरना
अगर पैर में छोटी-सी खरोंच या कट लगने पर भी घाव हफ्तों तक नहीं भर रहा, उस जगह का रंग काला या नीला पड़ रहा है – तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से खून में ऑक्सीजन कम पहुंचता है, इसलिए घाव भरने की प्रक्रिया रुक जाती है।यह सबसे खतरनाक स्टेज है – अगर इग्नोर किया तो गैंगरीन तक हो सकता है और पैर कटवाना पड़ सकता है।
क्या करें अगर ये लक्षण दिखें?
. सबसे पहले Lipid Profile टेस्ट करवाएं।
. डॉक्टर से Doppler Ultrasound करवाकर पैरों की नसों का फ्लो चेक करवाएं।
. तला-भुना, घी-तेल, मक्खन, रेड मीट, मिठाई पूरी तरह बंद करें।
. रोज 30-40 मिनट तेज चाल से टहलें (दर्द होने पर रुकें, फिर चलें)।
. वजन कंट्रोल करें, धूम्रपान बिल्कुल छोड़ दें।
. अखरोट, बादाम, ओट्स, सेब, संतरा, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।
निष्कर्ष:-
हाई कोलेस्ट्रॉल कोई छोटी-मोटी समस्या नहीं है – ये चुपके से आपकी नसों को बंद करता है और एक दिन अचानक दिल या दिमाग पर हमला बोल देता है। लेकिन अच्छी बात ये है कि शरीर हमें पहले से अलार्म देता है, और वो अलार्म सबसे पहले हमारे पैरों में बजता है। पैरों में दर्द, ठंडक, बालों का झड़ना, झनझनाहट और घाव का देर से भरना – ये पांचों लक्षण प्रकृति का दिया हुआ रेड अलर्ट हैं। इन्हें थकान, बुढ़ापा या मौसम का बहाना बनाकर इग्नोर करना बहुत भारी पड़ सकता है।
याद रखें:-
जब पैर बोलने लगें, तो कान खोलकर सुन लीजिए। समय रहते कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल कर लिया तो न सिर्फ पैर बचेंगे, बल्कि दिल और पूरी जिंदगी बच जाएगी। एक छोटा-सा Lipid Profile टेस्ट और थोड़ी-सी जीवनशैली में सावधानी आपको हार्ट अटैक, लकवा और पैर कटने जैसी भयानक स्थितियों से बचा सकती है। अपने पैरों की बात मानिए – वो आपसे झूठ नहीं बोलते! आज ही जांच करवाइए, कल बहुत देर हो सकती है।
स्वस्थ रहिए, सतर्क रहिए!



