Babasaheb Ambedkar: हर साल 6 दिसंबर को पूरा देश बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देता है। इस दिन को महापरिनिर्वाण दिवस कहा जाता है क्योंकि 1956 में इसी दिन बाबासाहेब का दिल्ली में निधन हुआ था। लाखों लोग उनके स्मारक चौपाटी (मुंबई) और दिल्ली पहुंचकर फूल चढ़ाते हैं।
परिनिर्वाण का मतलब क्या है?
बौद्ध धर्म में मृत्यु को परिनिर्वाण कहते हैं, यानी दुखों से पूरी मुक्ति। बाबासाहेब ने जीवन के आखिरी समय में बौद्ध धर्म अपनाया था। इसलिए उनके चाहने वाले उनकी मृत्यु को दुख की बजाय मुक्ति का दिन मानते हैं। इसी कारण इसे “महापरिनिर्वाण दिवस” कहकर याद किया जाता है, न कि पुण्यतिथि।
बाबासाहेब को याद करने का सबसे अच्छा तरीका
इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भाषण, निबंध और कार्यक्रम होते हैं। बच्चे पूछते हैं कि बाबासाहेब ने हमारे लिए क्या किया? जवाब आसान है – संविधान बनाया, बराबरी का हक दिलाया, लड़कियों को पढ़ने का अधिकार दिया, दलित-पीड़ितों की आवाज बने। आज जो हमें वोट डालने का हक है, नौकरी में आरक्षण है, वो सब बाबासाहेब की देन है।
इस बार 6 दिसंबर को सिर्फ माला चढ़ाने से काम नहीं चलेगा। उनकी किताबें पढ़ो, उनके सपनों को पूरा करने की कोशिश करो। बाबासाहेब कहा करते थे – “शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।” बस यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।



