
Bihar Flood Alert: बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी के बढ़ते कटाव ने ग्रामीणों के बीच दहशत पैदा कर दी है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण कई गांवों के लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। नवगछिया अनुमंडल के बिहपुर प्रखंड में गोविंदपुर गांव सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां कई घर और एक सरकारी स्कूल गंगा की तेज धारा में समा चुके हैं। इस आपदा ने न केवल लोगों के घर उजाड़े हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी गंभीर असर डाला है।
गांव वालों में पलायन की तैयारी
गंगा नदी के कटाव ने गोविंदपुर और आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को डर के साये में जीने को मजबूर कर दिया है। कई परिवार अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की योजना बना रहे हैं। स्थानीय निवासी रामू यादव ने बताया, “हमारा घर और खेत सब नदी में बह गए। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा। दूसरी जगह जाना ही एकमात्र रास्ता है।” ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
बच्चों की पढ़ाई पर असर
कटाव के कारण गोविंदपुर गांव का सरकारी स्कूल भी नदी में विलीन हो चुका है। इससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है। नजदीकी स्कूल 10 किलोमीटर दूर है, जहां तक पहुंचना गरीब परिवारों के लिए मुश्किल है। एक स्थानीय अभिभावक, सुनीता देवी, ने कहा, “हमारे बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। स्कूल गया, तो पढ़ाई कैसे होगी?” इस स्थिति ने बच्चों के शिक्षा के अधिकार को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
स्वास्थ्य सेवाओं का संकट
गंगा के कटाव ने स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बड़ा असर डाला है। प्रभावित गांवों में नजदीकी अस्पताल 20 किलोमीटर दूर है, जिसके कारण बीमार लोगों को इलाज के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक है। स्थानीय निवासी रमेश महतो ने बताया, “इलाज के लिए इतनी दूर जाना पड़ता है कि कई बार मरीज की हालत और बिगड़ जाती है।”
सरकार से मदद की आस
ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल मदद की मांग की है। जल संसाधन विभाग को कटाव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार न केवल कटाव को रोके, बल्कि विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास और बच्चों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी करे।